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डब्ल्यू-29, ग्रेटर कैलाश-2 संसद् सदस्य
नई दिल्ली (लोक सभा)
१-:-१९८६ यह जानकर अत्यन्त हर्ष हुआ कि आचार्यरत्न श्री देशभूषण जी महाराज एक राष्ट्रीय सन्त के अनुरूप भारतीय जनमानस को सत्य एवं अहिंसा के सन्देश से नवचेतना देते आए हैं। सामाजिक कुरीतियों को हटाने में भी वे अग्रणी रहे हैं। ऐसे महान् समाजसुधारक तपस्वी के प्रति कभी भी उऋण नहीं हुआ जा सकता ।
सुरेन्द्रपाल सिंह
संसद् सदस्य (लोक सभा)
८, पं० पन्त मार्ग, नई दिल्ली १-८-८६
जैन धर्म की व्यापक पृष्ठभूमि के आलोक में आचार्यरत्न श्री देशभूषण जी महाराज के अभिनन्दन का आयोजन वास्तव में सराहनीय है। इस प्रकार के निस्पृह सन्त एवं तपस्वियों का वस्तुतः अभिनन्दन होना ही चाहिए। मैं उनकी सेवाओं के प्रति अपनी हार्दिक श्रद्धा अर्पित करता हूँ।
डी. पी. यादव
६४, नार्थ एवेन्यू, संसद् सदस्य
नई दिल्ली (लोक सभा)
१-८-८६ जैन धर्म संघ की सुदीर्घ परम्परा को आधुनिक काल में आचार्यरत्न श्री देशभूषण जी महाराज की धर्म-साधना द्वारा आदर्श रूप प्राप्त हुआ है। जैन समाज को जीवन्त रूप प्रदान करने में आचार्यश्री की धर्मप्रभावनाओं की कितनी महत्त्वपूर्ण भूमिका है, इससे सभी परिचित हैं । “आस्था और चिन्तन' नामक इस सारस्वत अनुष्ठान के लिए मैं अभिनन्दन ग्रन्थ समिति को बधाई देता हूँ और महाराज जी की दीर्घ आयु की कामना करता हूँ।
कमला प्रसाद रावत
आचार्यरत्न श्री देशभूषण जी महाराज अभिनन्दन ग्रन्थ
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