Book Title: Agam 06 Ang 06 Gnatadharma Sutra Sthanakvasi
Author(s): Amolakrushi Maharaj
Publisher: Raja Bahaddurlal Sukhdevsahayji Jwalaprasadji Johari
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पारेति ॥ तणं ते महव्वल रामक्खिाणं सत्त अमाग खुडग साहनिकालिय तोकका दोहिं स्वच्छर हिं अहानीमए अहार तहि अहसुन जाय अणाए आगहित्ता ॥२१॥ जणेव थर भगवती तेणेव उनागच्छंति २त्त थेर भगवते बंदात नममंतिरत्ता एवं चयाम-इच्छा म मते ! महालय सीहनिकोलिय ताकम्म तहेव जहः खुडारा, गवरं चात्तीमइमाओ निपाई गाएपंडवाडे ए कालणं एगोणं संवच्छरणं छह
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पूर्ण किया. या प्रत् भावानुसार आराधन किया, ॥२॥ ॥ गट नाम . .. भगार स्थ वर की : अये, स्थविर "ग+को वंदना नमस्तार
क बारे कि हो भगवन् ! हम यहा भिंड क्रडान अंगीकार कर इस विधि लपाद कीडर तप रही। न . प.
कद : उपवास पर्यंत लिया है इसमें ६ उपनाम कान फर यहांछे फर।. एक परिपाटा एक, छ माम व अटस दिन में पूर्ण है की है. और को परिपाटी मिलकर
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