Book Title: Agam 06 Ang 06 Gnatadharma Sutra Sthanakvasi
Author(s): Amolakrushi Maharaj
Publisher: Raja Bahaddurlal Sukhdevsahayji Jwalaprasadji Johari
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मनुवादक-बालब्रह्मचारी मुनि श्री अमोलक ऋषिजी
पाउग्गाणं दव्वाणं सगडी सागडं भरेति २ ता, बहुणं किण्हाणय, जाव सुकिलाणय कटुकम्माणय ४, गंठिमाणय जाव संघाइमाणय अन्नसिं बहुणं चक्खिदिय पाउग्गाणं दव्वाणं सगडी सागडं भरेंति २ त्ता बहुणं कोटपुडाणय, पत्तपुडाणय केयइपुडाणय, ६९८ एलापुडाणय, कुंकुम पुडाणय, उसीर पुडाणय,चंपगपुडाणय, अन्नसिंच बहुणं घाणिं. दिय पाउग्गाणं दवाणं सगडीसागडं भरेति २ त्ता ॥ बहुस्स खंडस्सय, गुलस्सय सक्कराएय, मच्छडियाएय, तणस्सय,पाणिस्सय, गोरमस्सय, तं दुलाणय, समियस्सय पुप्फुत्तर पउमुत्तर अन्नेसिंच बहुणं जाव जिभिदिय पाउग्गाणं दवाणं भरेति २ त्ता
बहुणं कोयवागय कबलाणय,पावरणाणय,नवतयाणय, मलयाणय,मसूराणय, सिलावा. यावत् काष्टकर्मवाले यावत् संघातिम पर्यंत और अन्य चक्ष इन्द्रियको योग्य अनेक द्रव्धसे गाड गटि भरदिये. कोष्ट के पुडे, केतकी के पुडे, इलायची के पुडे, कुंकुम के पुडे, अत्तर के सीसे, वंग के पुडे, व अन्य बहुत है' चणेन्द्रियको योग्य द्रव्य गाडे गडि भदिये. बहुत सक्कर,गुड, बुरा, मीश्री, मिष्ट घास,मधुर पानी, गोरस..
चांवल, मीश्रित किये हुवे पुष्पोतर, पोतर, और अन्य बहुत प्रकार के जिव्हेन्द्रिय को योग्य द्रव्य क * गाडे गाडे भरदिये, बहुन कोयो कंबल प्रावरण, नविन वस्त्रों, मलय देश के वस्त्रों, पसूर धान्य
५ प्रावरण विशेष
..पक शक-राजाबहादुर लाला सुखद सझवजामाप्रसादका
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