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In the same way men are of four kinds-(1) like asipatra, (2) like karapatra, (3) like kshurapatra and (4) like Kadamb-chirika patra.
विवेचन-(१) असिपत्र (तलवार) एक ही प्रहार से शत्रु का शिरोच्छेदन कर देता है, उसी प्रकार जो पुरुष एक ही बार में कुटुम्बादि से स्नेह का छेदन कर देता है, वह असिपत्र समान है। जैसे जम्बूकुमार व धन्नाजी जैसे।
(२) करपत्र (करोंत) बार-बार इधर से उधर आ-जाकर काठ का छेदन करता है, उसी प्रकार बार-बार की भावना से धीरे-धीरे जो क्रमशः स्नेह का छेदन करता है, वह करपत्र के समान है। शालिभद्र की तरह।
(३) क्षुरपत्र (छुरा) सिर के बाल धीरे-धीरे अल्प-अल्प मात्रा में काट पाता है, उसी प्रकार जो कुटुम्ब का स्नेह धीरे-धीरे छेदन कर पाता है, वह क्षुरपत्र के समान है। आर्द्रककुमार की तरह।
(४) कदम्बचीरिका का अर्थ है कुंठित धार वाला शस्त्र या तीखी नोंक वाला एक प्रकार का घास। उसकी धार के समान जो पुरुष होता है, वह बहुत धीमी गति से और कठिनाई से कुटुम्ब का स्नेह-छेदन करता है, वह पुरुष कदम्बचीरिका-पत्र समान है। जैसे-अविरति सम्यग्दृष्टि।।
Elaboration-(1) Asword beheads an enemy in one stroke. In the same way a person who can shear his family ties at once is said to be like i asipatra. For example Jambu Kumar and Dhanna.
(2) A saw cuts wood after continued to and fro movement. In the same is way a person who shears his family ties slowly and gradually after repeated resolves is said to be like karapatra. For example Shalibhadra.
(3) A razor removes hair from head slowly and in bits. In the same way a person who shears his family ties slowly and in bits is said to be like kshurapatra. For example Ardra Kumar.
(4) A blade with blunt edge cuts things slowly and with difficulty. In the same way a person who shears his family ties slowly and with difficulty is said to be like Kadamb-chirika patra. For example Avirat Samyagdrishti (a righteous person with attachments). कट-पद CUT-PAD (SEGMENT OF MATTRESS)
५४९. चत्तारि कडा पण्णत्ता, तं जहा-सुंबकडे, विदलकडे, चम्मकडे, कंबलकडे।
एवामेव चत्तारि पुरिसजाया पण्णत्ता, तं जहा-सुंबकडसमाणे, जाव (विदलकडसमाणे, चम्मकडसमाणे), कंबलकडसाणे।
५४९. कट (चटाई) चार प्रकार का होता है-(१) शुम्बकट-खजूर से बनी चटाई या घास से बना आसन, (२) विदलकट-बांस की पतली खपच्चियों से बनी चटाई, (३) चर्मकट-चमड़े की पतली धारियों के
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| चतुर्थ स्थान : चतुर्थ उद्देशक
(31)
Fourth Sthaan : Fourth Lesson
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