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of monsoon)—months of Bhadrapad and Ashvin, (3) Sharad ritu ( autumn ) - months of Kartik and Mrigashira, (4) Hemant ritu (winter ) - 5 months of Paush and Maagh, (5) Vasant ritu (spring ) - months 5 Phalgun and Chaitra and (6) Grishma ritu (summer ) – months Vaishakh and Jyeshtha.
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अवमरात्र - पद AVAMARATRA-PAD (SEGMENT OF DATE SKIPPING)
९६. छह अवमरात्र (तिथि-क्षय) होते हैं - ( १ ) तीसरा पर्व - आषाढ कृष्णपक्ष में । (२) सातवाँ
भाद्रपद कृष्णपक्ष में। (३) ग्यारहवाँ पर्व, कार्तिक कृष्णपक्ष में । (४) पन्द्रहवाँ पर्व, पौष कृष्णपक्ष में । (५) उन्नीसवाँ पर्व, फाल्गुन कृष्णपक्ष में। (६) तेईसवाँ पर्व, वैशाख कृष्णपक्ष में
९६. छ ओमरत्ता पण्णत्ता, तं जहा - ततिए पव्वे, सत्तमे पव्वे, एक्कारसमे पव्वे, पण्णरसमे फ्र पव्वे, एगूणवीसइमे पव्वे, तेवीसइमे पव्वे ।
अतिरात्र - पद ATIRATRA PAD (SEGMENT OF DATE SKIPPING)
९७. छह अतिरात्र (तिथिवृद्धि वाले पर्व) होते हैं - (१) चौथा पर्व -
96. There are six avamaratra ( fortnights of date skipping )—(1) third parva (third fortnight of the lunar calendar)-in dark fortnight of Ashadh, (2) seventh fortnight — in dark fortnight of Bhadrapad, ( 3 ) eleventh फ्र fortnight—in dark fortnight of Kartik, (4) fifteenth fortnight in dark 5 fortnight of Paush, (5) nineteenth fortnight—in dark fortnight of Phalgun 5 and (6) twenty third fortnight — in dark fortnight of Vaishakh.
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९७. छ अतिरत्ता पण्णत्ता, तं जहा - चउत्थे पव्वे, अट्ठमे पव्वे, दुवालसमे पव्वे, सोलसमे पव्वे, वीसइमे पव्वे, चउवीसइमे पव्वे ।
5 जाता है।
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- आषाढ शुक्ल पक्ष में । (२)
आठवाँ पर्व भाद्रपद शुक्ल पक्ष में । (३) बारहवाँ पर्व - कार्तिक शुक्ल पक्ष में । (४) सोलहवाँ पर्व - पौष शुक्ल पक्ष में। (५) बीसवाँ पर्व फाल्गुन शुक्ल पक्ष में। (६) चौबीसवाँ पर्व, वैशाख शुक्ल पक्ष में
97. There are six atiratra ( fortnights of date addition ) — (1) fourth
पर्व,
विवेचन - आगम कालीन मान्यता के अनुसार, वर्ष के जिन छह महीनों में कृष्ण पक्ष में तिथियाँ
घटती हैं, उन्हीं महीनों के शुक्ल पक्ष में तिथियाँ बढ़ती भी हैं। अमावस्या और पूर्णमासी को पर्व कहा
स्थानांगसूत्र (२)
parva (fourth fortnight of the lunar calendar)-in bright fortnight of Ashadh, (2) eighth fortnight-in bright fortnight of Bhadrapad, (3) twelfth fortnight-in bright fortnight of Kartik, (4) sixteenth fortnight-in bright fortnight of Paush, (5) twentieth fortnight-in 5 bright fortnight of Phalgun and (6) twenty fourth fortnight-in bright fortnight of Vaishakh.
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Sthaananga Sutra (2)
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