Book Title: Agam 03 Ang 03 Sthanang Sutra Part 02 Sthanakvasi
Author(s): Amarmuni, Shreechand Surana
Publisher: Padma Prakashan

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Page 595
________________ ) )) )) ))) )) 5555555555555555555555555555555555558 ॐ दशा-पद DASHA-PAD (SEGMENT OF CHAPTERS ११०. दस दसाओ पण्णत्ताओ, तं जहा-कम्मविवागदसाओ, उवासगदसाओ, अंतगडदसाओ, ॐ अणुत्तरोववाइयदसाओ, आयारदसाओ, पण्हावागरणदसाओ, बंधदसाओ, दोगिद्धिदसाओ, दीहदसाओ, संखेवियदसाओ। ११०. दस दशा (अध्ययन) वाले दस आगम हैं, जैसे-(१) कर्मविपाकदशा, (२) उपासकदशा, (३) अन्तकृत्दशा, (४) अनुत्तरोपपातिकदशा, (५) आचारदशा (दशाश्रुतस्कन्ध), (६) प्रश्नव्याकरणदशा, (७) बन्धदशा, (८) द्विगृद्धिदशा, (९) दीर्घदशा, (१०) संक्षेपकदशा। 110. There are ten Agams with ten dasha (chapters) each(1) Karmavipaak Dasha, (2) Upasak Dasha, (3) Antakrit Dasha, (4) Anuttaropapatik Dasha, (5) Achaar Dasha, (Dashashrutskandh), (6) Prashnavyakaran Dasha, (7) Bandh Dasha, (8) Dvigriddhi Dasha, 4 (9) Deergh Dasha and (10) Sankshepak Dasha. विवेचन-'दशा' शब्द तीन अर्थों का सूचक है। जिन-जिन सूत्रों के दस अध्ययन हैं वे। जो विशेष * 'दशा' अवस्थाओं के प्रतिपादक है तथा जिन सूत्रों में दस-दस अधिकारों का वर्णन है, उन शास्त्रों का के नाम ‘दशा' है। Elaboration The term dasha conveys three meanings. The scriptures that have ten chapters; those that discuss special conditions (dasha); and those that have ten adhikars or sections are all called dasha. १११. कम्मविवागदसाणं दस अज्झयणा पण्णत्ता, तं जहा मियापत्ते य गोत्तासे, अंडे सगडेति यावरे। माहणे णंदिसेणे, सोरिए य उदुंबरे॥ सहसुद्दाहे आमलए,-कुमारे लेच्छई इति ॥१॥ १११. कर्मविपाकदशा-विपाक श्रुत के प्रथम श्रुतस्कंध के दस अध्ययन हैं, जैसे-(१) मृगापुत्र, (२) गोत्रास, (३) अण्ड, (४) शकट, (५) ब्राह्मण, (६) नन्दिषेण, (७) शौरिक, (८) उदुम्बर, (९) सहस्रोद्दाह आमरक, (१०) कुमारलिच्छवी। 111. The first part of Karmavipaak Dasha (Vipaak Shrut) has ten chapters (1) Mrigaputra, (2) Gotraas, (3) Anda, (4) Shakat, (5) Brahman, (6) Nandishen, (7) Shaurik, (8) Udumbar, (9) Sahasroddaha Aamarak and (10) Kumar Lichchhivi. विवेचन-उल्लिखित सूत्र में गिनाए गये अध्ययन दुःखविपाक के हैं, किन्तु इन नामों में और वर्तमान में प्रचलित नामों में निम्न अन्तर है-९ देवदत्ता, १० अंजू। Elaboration - These chapters are from Duhkha Vipaak. The last two names in modern editions are different—(9) Devadatta and (10) Anju. 355559545555555555555555555555555555555555555548 -"-"-1--नानागागागा दशम स्थान (691) Tenth Sthaan 1555555555555 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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