Book Title: Agam 03 Ang 03 Sthanang Sutra Part 02 Sthanakvasi
Author(s): Amarmuni, Shreechand Surana
Publisher: Padma Prakashan

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Page 612
________________ 27 5 5 5 5 5 5 5 5 5 5 5 5 55 5 55 5 5 5 5 5 5 5 5 5 5 5 5 5 5 5 5 5 5 5 5 5 5 5 5 5 5 5 55 952 卐 ५ 143. In Jambu Dveep in Bharat - varsh there have been seven y kulakars (clan founders or society makers) during the past Utsarpini y (progressive cycle of time).-(1) Svayamjal (Shatajal), (2) Shatayu, Y फ्र (3) Anantasen, (4) Ajitasen, (5) Karkasen, (6) Bhimasen, 4 (7) Mahabhimasen, (8) Dridharath, (9) Dasharath and (10) Shatarath. 144. In Jambu Dveep in Bharat-varsh there will be seven kulakars y (clan founders or society makers) during the coming Utsarpini y (progressive cycle of time ) . - ( 1 ) Simankar, (2) Simandhar, Y Y 5 (3) Kshemankar, (4) Kshemandhar, (5) Vimalavahan, (6) Sanmati, (7) Pratishrut, (8) Gridhadhanu, ( 9 ) Dashadhanu and (10) Shatadhanu. विवेचन - 'कुलकर' का अर्थ है, विशिष्ट बुद्धि सम्पन्न, कुल व्यवस्थापक पुरुष । वैदिक परम्परा में इन्हें 'मनु' कहा गया है। वर्तमान अवसर्पिणी काल का यहाँ उल्लेख नहीं है। कारण, कहीं सात व कहीं पन्द्रह कुलकरों का उल्लेख होने से यहाँ उसका कथन नहीं किया है। 卐 फ्र 卐 卐 卐 卐 १४५. जंबुद्दीवे दीवे मंदरस्स पव्वयस्स पुरत्थिमे णं सीताए महाणईए उभओकूले दस 卐 5 वक्खारपव्यता पण्णत्ता, तं जहा - मालवंते, चित्तकूडे, पम्हकूडे, (णालिणकूडे, एगसेले, तिकडे, 卐 卐 १४६. जंबुद्दीवे दीवे मंदरस्स पव्वयस्स पच्चत्थिमे णं सीओदाए महाणईए उभओकूले दस 卐 卐 Elaboration-Kulakars are specially endowed clan founders and heads. In Vedic tradition they are called Manu. There is no mention of the present regressive cycle of time here. This is because at different places different numbers, such as seven or fifteen, have been mentioned. वक्षस्कार- पद VAKSHASKAR-PAD (SEGMENT OF VAKSHASKAR) वक्खारपव्वता पण्णत्ता, तं जहा - विज्जुप्पभे, (अंकावती, पम्हावती, आसीविसे, सुहावसे, 5 चंदपव्वते, सूरपव्वते, णागपव्वते, देवपव्वते), गंधमायणे। फ 卐 १४५. जम्बूद्वीप नामक द्वीप में मन्दर पर्वत के पूर्व में सीता महानदी के दोनों कूलों (उत्तरी व 5 दक्षिणी तट) पर दस वक्षस्कार पर्वत हैं, जैसे- (१) माल्यवानकूट, (२) चित्रकूट, (३) पक्ष्मकूट, (४) नलिनकूट, (५) त्रिकूट, (७) वैश्रमणकूट, (८) अंजनकूट, (९) मातांजनकूट, (१०) सौमनसकूट । १४६. जम्बूद्वीप नामक द्वीप में, मन्दर पर्वत के पश्चिम में शीतोदा महानदी के दोनों कूलों (उत्तर दक्षिण) पर दस वक्षस्कार पर्वत, जैसे- (१) विद्युत्प्रभकूट, (२) अंकावतीकूट, (३) पक्ष्मावतीकूट, (४) आशीविषकूट, (५) सुखावहकूट, (६) चन्द्रपर्वतकूट, (७) सूर्यपर्वतकूट, (८) नागपर्वतकूट, (९) देवपर्वतकूट, (१०) गन्धमादनकूट । 卐 वेसमणकूडे, अंजणे, मायंजणे), सोमणसे । 卐 फ्र 145. In Jambu Dveep in the eastern part of Mandar mountain there are ten Vakshaskar mountains on the two banks of great river Sita स्थानांगसूत्र (२) Jain Education International (548) For Private & Personal Use Only Sthaananga Sutra (2) फ्र 4 न न ना नাफ्र फ्र 5 卐 www.jainelibrary.org

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