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(1) Malyavan-koot, (2) Chitrakoot, (3) Padmakoot, (4) Nalinakoot, (5) Ekashaila, (6) Trikoot, (7) Vaishraman-koot, (8) .Anjan-koot, (9) Matanjan-koot and (10) Saumanas-koot.
146. In Jambu Dveep in the western part of Mandar mountain there are ten Vakshaskar mountains on the two banks of great river Sitoda-(1) Vidyutprabh-koot, (2) Ankavatikoot, (3) Pakshmavatikoot, (4) Ashivish-koot, (5) Sukhavah-koot, (6) Chandraparvat-koot,
(7) Suryaparvat-koot, (8) Naag-parvat-koot, (9) Devaparvat-koot and 4 (10) Gandhamadan-koot.
१४७. एवं धायइसंडपुरथिमद्धेवि वक्खारा भाणियव्वा जाव पुक्खरवरदीवडपच्चत्थिमद्धे।
१४७. इसी प्रकार धातकीषण्ड के पूर्वार्ध और पश्चिमार्ध में तथा पुष्करवरद्वीपार्ध के पूर्वार्ध-पश्चिमार्ध में सीता और शीतोदा महानदियों के दोनों कूलों पर दस-दस वक्षस्कार पर्वत है।
147. In the same way in eastern and western halves of Dhatakikhand and those of Pushkaravaradveepardh there are ten Vakshaskar mountains each on both the banks of great rivers Sita and Sitoda.
विवेचन-जिन पर्वतों की ऊँचाई, गहराई एवं परिधि सम हो तथा जिनकी सुन्दरता व सुरम्यता भी समान हो, उन्हें 'वक्षस्कार पर्वत' कहा जाता है। महाविदेह क्षेत्र में बीस वक्षस्कार पर्वत है।
Elaboration—The mountains with all the three dimensions-height, 41 depth and circumference-equal and, which are equally beautiful and $i attractive are called Vakshaskar parvat. There are twenty Vakshaskar
parvats in Mahavideh area. कल्प-पद KALP-PAD (SEGMENT OF DIVINE REALMS)
१४८. दस कप्पा इंदाहिट्ठिया पण्णत्ता, तं जहा-सोहम्मे, (ईसाणे, सणंकुमारे, माहिंदे, बंभलोए, लंतए, महासुक्के), सहस्सारे, पाणते, अच्चुते। १४९. एतेसु णं दससु कप्पेसु दस इंदा पण्णत्ता, तं जहा-सक्के ईसाणे, (सणंकुमारे, माहिंदे, बंभे, लंतए, महासुक्के, सहस्सारे,
पाणते), अच्चुते। ॐ १४८. इन्द्रों से अधिष्ठित कल्प (देव विमान) दस हैं, जैसे-(१) सौधर्म कल्प, (२) ईशान कल्प,
(३) सनत्कुमार कल्प, (४) माहेन्द्र कल्प, (५) ब्रह्मलोक कल्प, (६) लान्तक कल्प, (७) महाशुक्र कल्प, (८) सहसार कल्प, (९) प्राणत कल्प, (१०) अच्युत कल्प। १४९. इन दस कल्पों में दस इन्द्र हैं, जैसे-(१) शक्र, (२) ईशान, (३) सनत्कुमार, (४) माहेन्द्र, (५) ब्रह्म, (६) लान्तक, (७) महाशुक्र, 9 (८) सहस्रार, (९) प्राणत, (१०) अच्युत।
148. There are said to be ten Indradhishthit kalps (the divine realms 45 ruled by Indras)-(1) Saudharma kalp, (2) Ishan kalp, (3) Sanatkumar "i kalp, (4) Maahendra kalp, (5) Brahmalok kalp, (6) Lantak kalp,
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| दशम स्थान
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Tenth Sthaan
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