Book Title: Agam 03 Ang 03 Sthanang Sutra Part 02 Sthanakvasi
Author(s): Amarmuni, Shreechand Surana
Publisher: Padma Prakashan

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Page 508
________________ 2 55 5 5 5 5 5 5 5 5 5 5 5 5 5 5 5 5 5 5 5 5 5 5 5 5 5 5 55595/ 2 5 5 5 5 5 5 5 5 5 5 5 5 5 5 5 5 5 5 5 5 5 5 5 5 5 5 5 5 5 5 5 5 5 5 5 5 5 5 5 5 5 5 5 55 5 55 55 « 卐 After eleven days are passed and post birth cleansing ceremonies are ! concluded, on the twelfth day, the parents will perform the naming ceremony and give the child a name suiting his virtues. "At the time of the birth of this child there were showers of large and abundant quantity of flowers (padma) and gems inside and outside Shatadvar city. ६२. ( ख ) तए णं महापउमं दारगं अम्मापितरो सातिरेगं अट्ठवासजातगं जाणित्ता फ्र महता - महता रायाभिसेएणं अभिसिंचिर्हिति । से णं तत्थ राया भविस्सति महता - हिमवंतमहंत - मलय-मंदर - महिंदसारे रायवण्णओ जाव रज्जं पसासेमाणे विहरिस्सति । Therefore, this boy should be called Mahapadma. After such deliberations the parents of the child will name him Mahapadma. तए णं तस्स महापउमस्स रण्णो अण्णदा कयाइ दो देवा महिड्डिया महासोक्खा सेणाकम्मं फ कार्हिति तं जहा - पुण्णभद्दे य माणिभद्दे य । 卐 तए णं सतदुवारे णगरे बहवे राईसर - तलवर - माडंबिय - कोडुंबिय - इब्भ - सेट्ठि - सेणावति5 सत्थवाहप्पभितयो अण्णमण्णं सद्दावेहिंति, एवं वइस्संति- - जम्हा णं देवाणुप्पिया ! अम्हं महापउमस्स रणो दो देवा महिड्डिया ( महज्जुइया महाणुभागा महायसा महाबला ) महासोक्खा सेणाकम्मं 卐 5 करेन्ति, तं जहा - पुण्णभद्दे य माणिभद्दे य । तं होउ णं अम्हं देवाणुप्पिया ! महापउमस्स रण्णो 卐 दोच्चेवि णामधेज्जे देवसेणे - देवसेणे । तते णं तस्स महापउमस्स रण्णो दोच्चेवि णामधेज्जे भविस्सइ देवसेणेति । तए णं तस्स देवसेणस्स रण्णो अण्णया कयाइ सेय-संखतल - विमल-सण्णिकासे चउदंते : फ्र हत्थरयणे समुप्पज्जिहिति । तए णं से देवसेणे राया तं सेयं संखतल - विमल - सण्णिकासं चउदंतं 5 हत्थिरयणं दुरूढे समाणे सतदुवार नगरं मज्झं-मज्झेणं अभिक्खणं - अभिक्खणं अतिज्जाहिति य : णिज्जाहितिय । 卐 तए णं सतदुवारे णगरे बहवे राईसर - तलवर - ( - ( माडंबिय - कोडुंबिय - इब्भ - सेट्ठि - सेणावतिसत्थवाह - प्पभितयो ) अण्णमण्णं सद्दावेहिंति, एवं वइस्संति - जम्हा णं देवाणुप्पिया ! अम्हं ५ देवसेणस्स रण्णो सेते संखतल - विमल - सण्णिकासे चउदंते हत्थिरयणे समुप्पण्णे, तं होइ णमम्हं Y देवाप्पिया ! देवसेणस्स तच्चेवि णामधेज्जे विमलवाहणे । तए णं तस्स देवसेणस्स रण्णो तच्चेवि ५ णामज्जे भविस्सति विमलवाहणेति । ६२. (ख) बालक महापद्म को आठ वर्ष से कुछ अधिक आयु का हुआ जानकर उसके माता-पिता उसे महान् राज्याभिषेक के द्वारा अभिषिक्त करेंगे। वह वहाँ महान् हिमालय, महान् मलय, मन्दर और महेन्द्र पर्वत के समान सर्वोच्च राजा होगा । स्थानांगसूत्र (२) (446) Jain Education International फफफफफफ Sthaananga Sutra (2) For Private & Personal Use Only y www.jainelibrary.org

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