Book Title: Agam 03 Ang 03 Sthanang Sutra Part 02 Sthanakvasi
Author(s): Amarmuni, Shreechand Surana
Publisher: Padma Prakashan

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Page 520
________________ 7 95 95 5 55 5 5 555 5555 5 5 5 5 5 5 5 5 5 5 5 5 5 5 5 5 5 5 5 555 55 5555 5 5 5 55 5552 कुलकर- पद KULAKAR-PAD (SEGMENT OF KULAKARS) ६५. विमलवाहणे णं कुलकरे णव धणुसताई उड्डुं उच्चत्तेणं हुत्था। ६५. विमलवाहन कुलकर नौ सौ धनुष ऊँचे थे। फफफफफफा 65. Vimalavahan Kulakar was nine hundred Dhanush tall. तीर्थ प्रवर्तन - पद TIRTHA PRAVARTAN PAD (SEGMENT OF FORD ESTABLISHMENT) ६६. उसभेणं अरहा कोसलिएणं इमीसे ओसप्पिणीए णवहिं सागरोवमकोडाकोडीहिं वीक्कंताहिं तिथे पवत्तिते । ६६. कोशला नगरी में उत्पन्न अर्हत् ऋषभ ने इस अवसर्पिणी का नौ कोडाकोडी सागरोपम काल व्यतीत होने पर तीर्थं का प्रवर्तन किया । 66. Born in Koshala city, Arhat Rishabh established the religious ford (Tirtha) when a period of nine Kodakodi Sagaropam had passed since the beginning of this Avasarpini (regressive cycle). अन्तद्वीप - पद ANTARDVEEP PAD (SEGMENT OF MIDDLE ISLANDS) ६७. घणदंत - लट्ठदंत - गूढदंत - सुद्धदंतदीवा णं दीवा णव - णव जोयणसताई आयामविक्खंभेणं पण्णत्ता | ६७. घनदन्त, लष्टदन्त, गूढदन्त और शुद्धदन्त ये द्वीप ( अन्तद्वीप) नौ-नौ सौ योजन लम्बे-चौड़े हैं। 67. The middle islands named Ghanadant, Lashtadant, Goodhadant and Shuddhadant are nine hundred Yojans long and wide each. शुक्रग्रह - वीथी- पद SHUKRA GRAHA VITHI-PAD (SEGMENT OF ORBITS OF VENUS) ६८. सुक्कस्स णं महागहस्स णव वीहीओ पण्णत्ताओ, तं जहा - हयवीही, गयवीही, नागवीही, वसहवीही, गोवीही, उरगवीही, अयवीही, मियवीही, वेसाणरवीहो । ६८. शुक्र महाग्रह की नौ वीथियाँ (परिभ्रमण की गलियाँ) हैं, जैसे- (१) हयवीथि, (२) गजवीथि, 5 (३) नागवीथि, (४) वृषभवीथि, (५) गोवीथि, (६) उरगवीथि, (७) अजवीथि, (८) मृगवीथि, (९) वैश्वानरवीथि । 68. The great planet Shukra (Venus) has nine vithis (orbits)— (1) Hayavithi, (2) Gajavithi, (3) Naagavithi, (4) Vrishabhavithi, (5) Gauvithi, (6) Uragavithi, (7) Ajavithi, (8) Mrigavithi and (9) Vaishvanaravithi. विवेचन-वृत्तिकार ने शुक्रग्रह की इन नौ वीथियों के सन्दर्भ में भद्रबाहु संहिता के श्लोक उद्धृत करके बताया है कि प्रत्येक वीथि में तीन-तीन नक्षत्र भ्रमण करते हैं। जब शुक्र ग्रह प्रथम तीन वीथियों में भ्रमण Sthaananga Sutra (2) स्थानांगसूत्र (२) Jain Education International (458) For Private & Personal Use Only फ्र फ्र 卐 www.jainelibrary.org

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