Book Title: Agam 03 Ang 03 Sthanang Sutra Part 02 Sthanakvasi
Author(s): Amarmuni, Shreechand Surana
Publisher: Padma Prakashan

View full book text
Previous | Next

Page 584
________________ 27 5 5 5 5 5 5 5 5 5 5 5 5 5 5 5 5 5 5 555 55559555555 5 5 5 5 5 55 5 5 5 5 55 5 55 55 2 फ 5 फफफफफफफफफफफफा फ्र are of five kinds – (1) shrotrendriyamund, ( 2 ) chakshurindriyamund, (3) ghranendriyamund, (4) rasanendriyamund, (5) sparshanendriyamund, (6) krodh-mund-victors over anger, (7) maan-mund-victors over conceit, ( 8 ) maya-mund-victors over deceit, (9) lobh-mund-victors over greed and (10) shiro-mund-who has tonsured his head. संख्यान - पद SANKHYAN PAD (SEGMENT OF MATHEMATICS) १००. दसविधे संखाणे पण्णत्ते, तं जहा १००. जिस उपाय से किसी वस्तु की संख्या या परिमाण का ज्ञान हो वह 'संख्यान' है। संख्यान (गणित) दस प्रकार का है, जैसे- ( १ ) परिकर्म - जोड़, बाकी, गुणा, भाग आदि से सम्बन्धित गणित । (२) व्यवहार- पाटी गणित - प्रसिद्ध श्रेणी व्यवहार, मिश्रक व्यवहार आदि । जैसे १२ के लिए दर्जन । बीस के लिए 'कोडी' यह सब व्यवहार गणित है । (३) रज्जु - क्षेत्रगणित, सेंटीमीटर, फुट, अंगुल, रज्जु आदि ५ की ऊँचाई - लम्बाई- गहराई आदि माप विधि । ( ४ ) राशि - धान्य आदि के ढेर को नापने का गणित । (५) कला - सवर्ण - अंशों वाली संख्या समान करना । तथा औषधियों आदि के निर्माण में रासायनिक द्रव्यों की मात्रा आदि का परिमाण करना । (६) यावत् तावत् - गुणाकार या गुणा करने वाला गणित । ५ (७) वर्ग - दो समान संख्याओं का गुणन - फल। जैसे ४ को ४ से गुणा करना । (८) घन - तीन समान Y संख्याओं का गुणन - फल । जैसे ५ x ५ २५ । ( ९ ) वर्ग - वर्ग - वर्ग का वर्ग । पहली संख्या को उसी वर्ग 4 से गुणा करना । (१०) कल्प- लकड़ी आदि की चिराई आदि का माप करने वाला गणित। (गणित सम्बन्धी ५ विस्तृत विवेचन के लिए देखें-वृत्ति पत्र ४७१ तथा ठाणं, पृष्ठ ९९३-९४) Y = y 4 परिकम्मं ववहारो रज्जू रासी कला - सवण्णे य । जावंतावति वग्गो, घणो य तह वग्गवग्गोवि ॥ १ ॥ कप्पो य. ॥ ५ 100. Sankhyan (mathematics) is of ten kinds-(1) Parikarma-sankhyan-y addition, subtraction, multiplication division, etc. (2) Vyavahar- sankhyan - 5 lowest common multiple, highest common factor, factors, compounds, etc. ५ This also includes popular collective units such as dozen for twelve and kodi (score) for twenty. (3) Rajju-sankhyan - lines and areas (geometry ). ( 4 ) Rashi F sankhyan - squares, cubes, logarithms, etc. This also includes measures of 5 heaps of grain or cereals. (5) Kala-savarn-fractions and their calculations. 卐 This also includes proportions of ingredients in a medical formulation. 卐 (6) Yavat-tavat-multiplication. (7) Varga-squares. (8) Ghan-cubes. (9) Varg-Varg-square of square. (10) Kalp-calculation of sawn wood. (for more details about mathematics see Vritti, leaf, 471 and Thanam pp. 993-994) प्रत्याख्यान - पद PRATYAKHYAN PAD (SEGMENT OF ABSTAINMENT) फ्र . १०१. दसविधे पच्चक्खाणे पण्णत्ते, तं जहा स्थानांगसूत्र (२) Jain Education International (520) फफफफफफफफ Sthaananga Sutra (2) For Private & Personal Use Only hhhhh फ्र 5 卐 www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 582 583 584 585 586 587 588 589 590 591 592 593 594 595 596 597 598 599 600 601 602 603 604 605 606 607 608 609 610 611 612 613 614 615 616 617 618 619 620 621 622 623 624 625 626 627 628 629 630 631 632 633 634 635 636 637 638 639 640 641 642 643 644 645 646 647 648