Book Title: Agam 03 Ang 03 Sthanang Sutra Part 02 Sthanakvasi
Author(s): Amarmuni, Shreechand Surana
Publisher: Padma Prakashan

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Page 545
________________ फफफफफफफफफफफफफफफफ राज- पद RAJ PAD (SEGMENT OF KINGS) 卐 २८. एयासु णं दससु रायहाणीसु दस रायाणो मुंडा भवेत्ता ( अगाराओ अणगारियं) पव्वइया, 卐 तं जहा - भरहे, सगरे, मघवं, सणंकुमारे, संती, कुंथू, अरे, महापउमे, हरिसेणे, जयणामे । २८. इन दस राजधानियों में दस राजा मुण्डित होकर अगार से अनगार धर्म में प्रव्रजित हुए, फ्र जैसे - ( 9 ) भरत, (२) सगर, (३) मघवा, (४) सनत्कुमार, (५) शान्ति, (६) कुन्थु, (७) अर, 卐 (८) महापद्म, ( ९ ) हरिषेण, (१०) जय । फ २९. जंबुद्दीवे दीवे मंदरे पव्वए दस जोयणसयाइं उव्वेहेणं, धरणितले दस जोयणसहस्साइं विक्खंभेणं, उवरिं दसजोयणसयाइं विक्खंभेणं, दसदसाइं जोयणसहस्साइं सव्वग्गेणं पण्णत्ते । २९. जम्बूद्वीप नामक द्वीप में मन्दर पर्वत एक हजार योजन भूमि में गहरा है, भूमितल पर दस हजार योजन विस्तृत है, ऊपर पण्डकवन में एक हजार योजन विस्तृत और सर्व परिमाण से एक लाख योजन ऊँचा है। 28. In the said ten capital cities ten kings got tonsured and initiated to be ascetics-(1) Bharat, (2) Sagar, (3) Maghava, (4) Sanatkumar, (5) Shanti, (6) Kunthu, ( 7 ) Ar, (8) Mahapadma, (9) Harishen and (10) Jai. विवेचन-उक्त १० राजधानियों में १२ चक्रवर्ती राजा हुए जिनमें से दस ने संयम धारण किया। आवश्यक नियुक्ति गा. २९७ अनुसार ये १० चक्रवर्ती निम्न नगरों में दीक्षित हुए। १. भरत और सगर - साकेत - अयोध्या में, मघवा - श्रावस्ती में, सनत्कुमार, शान्ति, कुन्थु, अर और सुभूम-ये पाँच 5 हस्तिनापुर में । महापद्म वाराणसी, हरिषेण तथा ब्रह्मदत्त कांपिल्यपुर में आठवें सुभूम तथा बारहवें ब्रह्मदत्त चक्रवर्ती दीक्षित नहीं हुए। (हिन्दी टीका, भाग २, पृष्ठ ७२४) दशम स्थान 24545555 55595555555 5 5 5 5 55 5 5 5 5 5 5 555955555 5 55559552 卐 (483) Jain Education International फफफफ 卐 Elaboration-In the aforesaid ten capitals at different times there were twelve Chakravartis. Out of these ten became ascetics. According to Avashyak Niryukti (verse 297) these emperors got initiated in the following cities – Bharat and Sagar in Saket (Ayodhya ); Maghava in 5 Shravasti; Sanatkumar, Shanti, Kunthu, Ar, and Mahapadma in Hastinapur; Mahapadma in Varanasi; and Harishen and Jai in Kampilyapur. The eighth and twelfth Chakravartis named Subhum and Brahmadatt respectively did not get initiated. (Hindi Tika, part-2, p. 724) मन्दर - पद MANDAR-PAD (SEGMENT OF MANDAR) Tenth Sthaan For Private & Personal Use Only 卐 卐 फ्र 卐 卐 29. In Jambu continent the Mandar mountain is one thousand Yojan deep in the ground. At ground level its expanse is ten thousand Yojans. फ At Pandak forest on its top the expanse is one thousand Yojans. Its overall height is one hundred thousand Yojans. 卐 फ्र 卐 卐 卐 卐 www.jainelibrary.org

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