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नवम स्थान NINTH STHAAN (Place Number Nine)
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+ विसंभोग-पद VISAMBHOG-PAD (SEGMENT OF EXPULSION)
१. णवहिं ठाणेहिं समणे णिग्गंथे संभोइयं विसंभोइयं करेमाणे णातिक्कमति, तं जहाम आयरियपडिणीयं, उवज्झायपडिणीयं, थेरपडिणीयं, कुलपडिणीयं, गणपडिणीयं, संघपडिणीयं, म णाणपडिणीयं, सणपडिणीयं,चरित्तपडिणीयं।
१. नौ कारणों से श्रमण निर्ग्रन्थ साम्भोगिक साधु को (प्रत्यनीक होने पर) विसाम्भोगिक करता हुआ म तीर्थंकर की आज्ञा का अतिक्रमण नहीं करता है। जैसे-(१) आचार्य-प्रत्यनीक, (२) उपाध्याय-प्रत्यनीक,
(३) स्थविर-प्रत्यनीक, (४) कुल-प्रत्यनीक, (५) गण-प्रत्यनीक, (६) संघ-प्रत्यनीक, (७) ज्ञानॐ प्रत्यनीक, (८) दर्शन-प्रत्यनीक, (९) चारित्र-प्रत्यनीक।
1. A Shraman Nirgranth does not defy the word of Bhagavan if he ostracizes (visambhogik) a sadharmik sambhogik (a co-religionist team
mate) for nine reasons-(if he is)-(1) acharya-pratyaneek (opposed to Facharya), (2) upadhyaya-pratyaneek (opposed to upadhyaya), (3) sthavir4. pratyaneek (opposed to sthavir), (4) kula-pratyaneek (opposed to the 5 group of disciples of same acharya), (5) gana-pratyaneek (opposed to
gana), (6) sangh-pratyaneek (opposed to the religious organization), (7) jnana-pratyaneek (opposed to right knowledge), (8) darshan
pratyaneek (opposed to. right perception/faith) and (9) chaaritra5 pratyaneek (opposed to right conduct).
विवेचन-कर्त्तव्य के प्रतिकूल आचरण अथवा निन्दा, ईर्ष्या, वैरभाव तथा मर्यादा विरुद्ध आचरण फ करना प्रत्यनीकता है। एक मण्डली में बैठकर खान-पान करने वाला श्रमणों का आचार साम्भोगिक हैं। + जब कोई साधु सूत्रोक्त नौ पदों में से किसी के भी साथ उसकी प्रतिष्ठा, मर्यादा तथा आचार विधि के
प्रतिकूल आचरण करता है, तब श्रमण-निर्ग्रन्थ उसे अपनी मण्डली से पृथक् कर सकते हैं। इस के पृथक्करण या सम्बन्ध विच्छेद को ही 'विसम्भोग' कहा गया है।
Elaboration-Pratyaneek means one who goes against or behaves contrary to the prescribed discipline or codes. The ascetics who do combined studies and eat together in a group are called sambhogik. When a sambhogik ascetic goes against the prescribed code of behaviour with any one two or all of the nine, the acharya ostracizes him from that group. Such ostracizing is called visambhog.
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नवम स्थान
(411)
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Ninth Sthaan
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