Book Title: Agam 03 Ang 03 Sthanang Sutra Part 02 Sthanakvasi
Author(s): Amarmuni, Shreechand Surana
Publisher: Padma Prakashan

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Page 505
________________ 1955555555555555))))) ))))))))) | भावितीर्थंकर-पद BHAAVI TIRTHANKAR-PAD (SEGMENT OF FUTURE TIRTHANKARS) ६१. एस णं अज्जो ! कण्हे वासुदेवे, रामे बलदेवे, उदए पेढालपुत्ते, पुट्टिले, सतए गाहावती, । दारुए णियंटे, सच्चई णियंठीपुत्ते, सावियबुद्धे अंब [म्म ? ] डे परिवायए, अज्जावि णं सुपासा पासावच्चिज्जा। आगमेस्साए उस्सप्पिणीए चाउज्जामं धम्मं पण्णवइत्ता सिज्झिहिंति (बुज्झिहिंति मुच्चिहिंति परिणिब्बाइहिंति सम्बदुक्खाणं) अंतं काहिति।। ६१. हे आर्यों ! (१) वासुदेव कृष्ण, (२) बलदेव राम, (३) उदक पेढालपुत्र, (४) पोट्टिल, (५) गृहपति शतक, (६) निर्ग्रन्थ दारुक, (७) निर्ग्रन्थीपुत्र सत्यकी, (८) श्राविका के द्वारा प्रतिबुद्ध अम्मड परिव्राजक, (९) पार्श्वनाथ की परम्परा में दीक्षित आर्या सुपार्था। ये नौ आगामी उत्सर्पिणी में चातुर्याम धर्म की प्ररूपणा कर सिद्ध, बुद्ध, मुक्त, परिनिर्वृत और सर्व दुःखों से रहित होंगे। 61. O Noble ones ! These nine will propagate Chaturyam dharma (the four limbed religion) in the coming progressive cycle of time and become perfect (Siddha), enlightened (buddha), liberated (mukta), free of cyclic rebirth (parinivrit), and end all miseries—(1) Vaasudeva Krishna, (2) Baladeva Rama, (3) Udak Pedhalaputra, (4) Pottila, (5) Grihapati Shatak, (6) Nirgranth Daruk, (7) Nirgranthiputra Satyaki, (8) Ammad Parivrajak enlightened by a Shravika and (9) Arya Suparshvaa, initiated in the lineage of Parshva Naat विवेचन-इनमें से १ कृष्ण वासुदेव, २ राम बलदेव का चरित्र तो प्रसिद्ध है। (३) उदक पेढाल पुत्र-ये पेढाल के पुत्र थे। भगवान पार्श्वनाथ की परम्परा में दीक्षित हुए। इनका वर्णन सूत्रकृतांग सूत्र २३वें अध्ययन में है। (४) पोट्टिल का जीवन वृत्तान्त उपलब्ध नहीं है। (५) शतक का वर्णन भी उपलब्ध नहीं है है। (६) दारुक-दारुक निर्ग्रन्थ का वर्णन अन्तकृद्दशासूत्र में आता है। परन्तु वे तो अन्तकृद् केवली हो चुके हैं। अतः ये दारुक कोई अन्य ही होंगे। (७) निर्ग्रन्थी पुत्र सत्यकी-इनका भी विशेष वर्णन उपलब्ध नहीं है। (८) श्राविका बुद्ध अम्मड़ परिव्राजक-सुलसा से प्रतिबुद्ध अम्मड़ परिव्राजक का उल्लेख औपपातिक सूत्र में आता है, परन्तु वृत्तिकार का कथन है वह अम्मड़ इनसे कोई अन्य होना चाहिए। (९) आर्या सुपार्था-विशेष वर्णन उपलब्ध नहीं है। (देखें-ठाणं पृष्ठ ८८६-८७) Elaboration-The stories of (1) Vaasudeva Krishna and (2) Baladeva i Rama are well known. (3) Udak Pedhalaputra-He was the son of Pedhal and was initiated in the lineage of Bhagavan Parshva Naath 1 Details about him are available in the 23rd chapter of Sutrakritanga Sutra. (4) Pottila---no details are available. (5) Grihapati Shatak-no details are available. (6) Nirgranth Daruk-There is a mention of one Daruk in Antakriddasha Sutra but he has already attained omniscience. Therefore this Daruk must be some other person, (7) Nirgranthiputra नवम स्थान (443) Ninth Sthaan Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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