Book Title: Agam 03 Ang 03 Sthanang Sutra Part 02 Sthanakvasi
Author(s): Amarmuni, Shreechand Surana
Publisher: Padma Prakashan

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Page 500
________________ 卐 கமித்ததமி*****தமிழசுமிமிமிமிமிமிமிமிதிமி*****தி 卐 महाकच्छ, कच्छकावती, आवर्त, मंगलावर्त, पुष्कल और पुष्कलावंती विजय में विद्यमान दीर्घ वैताढ्यों के ऊपर नौ कूट हैं । ५०. इसी प्रकार वत्स विजय में विद्यमान दीर्घ वैताढ्य पर नौ कूट हैं । ५१. इसी प्रकार सुवत्स, महावत्स, वत्सकावती, रम्य, रम्यक, रमणीय और मंगलावती विजयों में विद्यमान दीर्घ वैताढ्यों के ऊपर नौ कूट हैं। 卐 5 48. In Jambu Dveep on Sukachchhavarti Deergh Vaitadhya mountain there are nine koots (peaks ) - ( 1 ) Siddhayatan koot, (2) Sukachchha koot, (3) Khandak-prapat gufa koot, (4) Manibhadra koot, (5) Vaitadhya koot, (6) Purnabhadra koot, (7) Tamisra-gufa koot, (8) Sukachchha koot, (9) Vaishraman koot. 49. In the same way in Mahakachchha, 5 Kachhakavati, Avart, Mangalavarta, Pushkal and Pushkalavati Vijayas there are nine peaks each. 50. In the same way on Deergh Vaitadhya mountains in Vatsa Vijaya there are nine peaks. 51. In the same way in 5 Suvatsa, Mahavatsa, Vatsakavati, Ramya, Ramyak, Ramaniya and Mangalavati Vijayas there are nine peaks each. 5 卐 5 卐 तं जहा सिद्धे अ विज्जुणामे, देवकुरा पम्ब कणग सोवत्थी । सीओदाय सयजले, हरिकूडे चेव बोद्धव्वे ॥१ ॥ ५३. जंबुद्दीवे दीवे पम्हे दीहवेयड्डे णव कूडा पण्णत्ता, तं जहा सिद्धे पम्हे खंडग, माणी वेयड (पुण्ण तिमिसगुहा । म्हे वेसणे या, पम्हे कूडाण णामाई ) ॥ १ ॥ ५४. एवं चेव जाव सलिलावतिम्मि दीहवेयड्डे । ५५. एवं वप्पे दीहवेयड्डे । ५६. एवं जाव गंधिलावतिम्मि दीहवेयड्डे णव कूडा पण्णत्ता, तं जहासिद्धे गंधिल खंडग, माणी वेयड्ड पुण्ण तिमिसगुहा । धावति वेसणे, कूडाणं होंति णामाई ॥ १ ॥ एवं सव्वेसु दीहवेडेसु दो कूडा सरिसणामगा, सेसा ते चेव । ५२. जम्बूद्वीप नामक द्वीप में मन्दर पर्वत के विद्युत्प्रभ वक्षस्कार पर्वत के ऊपर नौ कूट (१) सिद्धायतन कूट, (२) विद्युत्प्रभ कूट, (३) देवकुराकूट, (४) पक्ष्मकूट, (५) कनककूट, (६) स्वस्तिककूट, (७) सीतोदा कूट, (८) शतज्वल कूट, (९) हरिकूट । ५२. जंबुद्दीवे दीवे विज्जुपव्वते णव कूडा पण्णत्ता, ५३. जम्बूद्वीप नामक द्वीप में मन्दर पर्वत के पद्मवर्ती दीर्घ वैताढ्य के ऊपर नौ कूट हैं(१) सिद्धायतन कूट, (२) पक्ष्म कूट, (३) खण्डकप्रपातगुफा कूट, (४) माणिभद्र कूट, (५) वैताढ्य कूट, (६) पूर्णभद्र कूट, (७) तमिस्रगुफा कूट, (८) पक्ष्म कूट, (९) वैश्रमण कूट । स्थानांगसूत्र (२) (438) Jain Education International 5 Sthaananga Sutra (2) For Private & Personal Use Only 5 2555 55555555 5 555555555559555552 卐 www.jainelibrary.org

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