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5 (5) pradesh-naam-nidhatt-ayu (pradesh of these
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११७. नारकी जीवों का आयुष्क बन्ध छह प्रकार का होता है - ( १ ) जातिनामनिधत्तायु - नारकायुष्क के बन्ध के साथ पंचेन्द्रियजातिनामकर्म का ( २ ) गतिनामनिधत्तायु - नारकायुष्क के बन्ध के साथ नरकगति का, (३) स्थितिनामनिधत्तायु - नारकायुष्क के बन्ध के साथ स्थिति ( कालमान) का, (४) अवगाहनानामधित्तायु - नारकायुष्क के बन्ध के साथ वैक्रियशरीरनामकर्म (५) प्रदेशनामनिधत्तायु - नारकायुष्क के बन्ध के साथ प्रदेशों का और ( ६ ) अनुभागनामनिधत्तायुनारकायुष्क के बंध के साथ अनुभाग का नियम से बंध होता है । ११८. इसी प्रकार वैमानिक तक के सभी दण्डकों के जीवों में आयुष्यकर्म का बन्ध इसी तरह छह प्रकार का होता है।
११९. णेरइया णियमा छम्मासावसेसाउया परभवियाउयं पगरेंति । १२०. एवं असुरकुमारावि
5 जाव थणियकुमारा । १२१. असंखेज्जवासाउया सण्णिपंचिंदियतिरिक्खजोणिया णियमं छम्मासावसेसाउया परभवियाउयं पगरेंति । १२२. असंखेज्जवासउया सष्णिमणुस्सा णियमं छम्मासावसेसाउया परभवियाउयं पगरेंति । १२३. वाणमंतरा जोतिसवासिया वेमाणिया जहा कणेरइया ।
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११९. नारकी जीव आयु के छह मास शेष रहने पर नियम से परभव की आयु का बन्ध करते हैं । १२०. इसी प्रकार असुरकुमार से लेकर स्तनितकुमार तक के सभी देव भी छह मास आयु के अवशेष रहने पर नियम से परभव की आयु का बन्ध करते हैं । १२१. असंख्येयवर्ष आयुष्य वाले संज्ञि-पंचेन्द्रिय तिर्यग्योनिक जीव छह मास आयु अवशेष रहने पर नियम से परभव की आयु का बन्ध करते हैं । १२२. असंख्येयवर्षायुष्क संज्ञि-मनुष्य छह मास की आयु अवशेष रहने पर नियम से परभव
की आयु का बन्ध करते हैं । १२३. वाणव्यन्तर, ज्योतिष्क और वैमानिक देव नारक जीवों के समान
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छह मास आयु शेष रहने पर परभव की आयु का नियम से बन्ध करते हैं।
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117. Ayushyabandh (bondage of karmas determining next life span of 5 infernal beings is of six kinds-(with bondage of life span as infernal beings they also enter bondage of ) - ( 1 ) jati-naam-nidhatt-ayu (panchendriya-jati-naam-karma), (2) gati-naam-nidhatt- ayu (narak-gatinaam-karma ), (3) sthiti-naam-nidhatt-ayu ( sthiti of these karmas), avagahana-naam-nidhatt-ayu (vaikriya sharira-naam-karma),
karmas)
and
(6) anubhag-naam-nidhatt-ayu (anubhag of these karmas). 118. In the
same way Ayushyabandh (bondage of karmas determining next life span)
of all beings of all dandaks up to Vaimaniks is of six kinds.
119. As a rule infernal beings acquire the bondage of life span of next
birth when six months are left from their present life span. 120. In the
same way all the divine beings from Asur Kumars to Stanit Kumars also,
as a rule, acquire the bondage of life span of next birth when six months
षष्ठ स्थान
(267)
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Sixth Sthaan
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