Book Title: Agam 03 Ang 03 Sthanang Sutra Part 02 Sthanakvasi
Author(s): Amarmuni, Shreechand Surana
Publisher: Padma Prakashan

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Page 385
________________ फफफफफफफफफफफफफफफफ 卐 卐 卐 ९७. देवेन्द्र देवराज ईशान के आभ्यन्तर परिषद् के देवों की स्थिति सात पल्योपम है । ९८. देवेन्द्र फ 5 देवराज शक्र की अग्रमहिषी देवियों की स्थिति सात पल्योपम है । ९९. सौधर्म कल्प में परिगृहीता 卐 देवियों की उत्कृष्ट स्थिति सात पल्योपम है । 5 卐 卐 கதத்ததமி****S********ததததததததி**த*தமித்த 卐 १००. सारस्सयमाइच्चाणं [ देवाणं ? ] सत्त देवा सत्तदेवसता पण्णत्ता । १०१. गद्दतोयतुसियाणं देवाणं सत्त देवा सत्त देवसहस्सा पण्णत्ता । १००. सारस्वत और आदित्य लोकान्तिक देव स्वामीरूप में सात हैं और उनके सात सौ देवों का परिवार है। १०१. गर्दतोय और तुषित लोकान्तिक देव स्वामीरूप में सात हैं और उनके सात हजार देवों का परिवार है। 97. The sthiti (life span) of the gods of the inner assembly of Ishan 5 Devendra, the king of gods, is seven Palyopam. 98. The sthiti (life span) of the agramahishis (chief queens) of Shakra Devendra, the king of gods, is seven Palyopam. 99. The utkrisht sthiti ( maximum life span) of the parigrihit devis (married goddesses) of Saudharma kalp is seven Palyopam. 100. There are seven gods of the status of overlords among Sarasvat and Aditya Lokantik gods and they have a family of seven hundred gods. 101. There are seven gods of the status of overlords among Gardatoya and Tushit Lokantik gods and they have a family of seven thousand gods. १०२. सणकुमारे कप्पे उक्कोसेणं देवाणं सत्त सागरोवमाई टिती पण्णत्ता । १०३. माहिंदे 5 कप्पे उक्कोसेणं देवाणं सातिरेगाई सत्त सागरोवमाई ठिती पण्णत्ता । १०४. बंभलोगे कप्पे जहण्णेणं देवाणं सत्त सागरोवमाई टिती पण्णत्ता । १०५. बंभलोय - लंतएसु णं कप्पेसु विमाणा सत्त जोयणसताई उड्डुं उच्चत्तेणं पण्णत्ता । की १०२. सनत्कुमार कल्प में देवों की उत्कृष्ट स्थिति सात सागरोपम है । १०३. माहेन्द्र कल्प में देवों उत्कृष्ट स्थिति कुछ अधिक सात सागरोपम है । १०४. ब्रह्मलोक कल्प में देवों की जघन्य स्थिति सात सागरोपम है । १०५. ब्रह्मलोक और लान्तक कल्प में विमानों की ऊँचाई सात सौ योजन है। kalp 102. The utkrisht sthiti ( maximum life span) of gods of Sanatkumar is seven Sagaropam. 103. The utkrisht sthiti ( maximum life span) of gods of Mahendra kalp is a little more than seven Sagaropam. 5 104. The jaghanya sthiti (minimum life span) of gods of Brahmalok kalp is seven Sagaropam. 105. In Brahmalok and Lantak kalp the height of vimaans (celestial vehicles) is seven hundred Yojans. १०६. भवणवासीणं देवाणं भवधारणिज्जा सरीरगा उक्कोसेणं सत्त रयणीओ उडुं उच्चत्तेणं पण्णत्ता । १०७. वाणमंतराणं देवाणं भवधारणिज्जा सरीरगा उक्कोसेणं सत्त रयणीओ उड सप्तम स्थान (327) Jain Education International फफफफफफफफफफफफफफफफ Seventh Sthaan For Private & Personal Use Only फ्र फ्र www.jainelibrary.org

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