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गंगाकुंडा, अट्ठ सिंधुकुंडा, अट्ठ गंगाओ, अट्ठ सिंधूओ, अट्ठ उसभकूडा पव्वता, अट्ठ उसभकूडा देवा ॥ पण्णत्ता। ८२. जंबुद्दीवे दीवे मंदरस्स पव्वयस्स पुरथिमे णं सीताए दाहिणे णं अट्ठ दीहवेअड्डा एवं चेव जाव अट्ट उसभकूडा देवा पण्णत्ता, णवरमेत्थ रत्त-रत्तावती, तासिं चेव कुंडा।।
८१. जम्बूद्वीप नामक द्वीप में मन्दर पर्वत के पूर्व में सीता महानदी के उत्तर में आठ दीर्घ वैताढ्य, ॐ आठ तमिस्र गुफाएँ, आठ खण्डकप्रताप गुफाएँ, आठ कृतमालक देव, आठ गंगाकुण्ड, आठ सिन्धुकुण्ड, 卐 आठ गंगा, आठ सिन्धु, आठ ऋषभकूट पर्वत और आठ ऋषभकूट देव हैं। ८२. जम्बूद्वीप नामक द्वीप
में मन्दर पर्वत के पूर्व में सीता महानदी के दक्षिण में आठ दीर्घ वैताढ्य, आठ तमिस्र गुफाएँ, आठ म खण्डकप्रताप गुफाएँ, आठ कृतमालक देव, आठ रक्ताकुण्ड, आठ रक्तवती कुण्ड, आठ रक्ता, आठ रक्तवती, आठ ऋषभकूट पर्वत और आठ ऋषभकूट देव हैं।
81. In Jambu Dveep in the eastern part of Mandar mountain to the 45 north of great river Sita there are eight Deergh Vaitadhya mountains, eight Tamisra caves, eight Khandaprapatak caves, eight Kritamalak gods, eight Nrityamalak gods, eight Gangakund, eight Sindhukund, eight Ganga, eight Sindhu, eight Rishabhakoot mountains and eight Rishabhakoot gods. 82. In Jambu Dveep in the eastern part of Mandar mountain to the south of great river Sita there are eight Deergh 45
Vaitadhya mountains, eight Tamisra caves, eight Khandaprapatak 1 ___caves, eight Kritamalak gods, eight Nrityamalak gods, eight Raktakund,
eight Raktavatikund, eight Rakta, eight Raktavati, eight Rishabhakoot 5 mountains and eight Rishabhakoot gods.
८३. जंबुद्वीवे दीवे मंदरस्स पव्वयस्स पच्चत्थिमे णं सीतोयाए महाणदीए दाहिणे णं अट्ठ ॐ दीहवेयड्डा जाव अट्ठ णट्टमालगा देवा, अट्ठ गंगाकुंडा, अट्ठ सिंधुकुंडा, अट्ठ गंगाओ, अट्ठ सिंधूओ,
अट्ठ उसभकूडा पव्वता, अट्ठ उसभकूडा देवा पण्णत्ता। ८४. जंबुद्दीवे दीवे मंदरस्स पव्वयस्स ॐ पच्चत्थिमे णं सीओयाए महाणदीए उत्तरे णं अट्ठ दीहवयेड्डा जाव अट्ट णट्टमालगा देवा पण्णत्ता। अट्ठ
रत्ताकुंडा, अट्ठा रत्तावतिकुंडा, अट्ठ रत्ताओ, (अट्ठ रत्तावतीओ, अट्ठ उसभकूडा पवता), अट्ठ ॐ उसभकूडा देवा पण्णत्ता। ८५. मंदरचूलिया णं बहुमज्झदेसभाए अट्ठ जोइणाई विक्खंभेणं पण्णत्ता।
८३. जम्बूद्वीप नामक द्वीप में मन्दर पर्वत के पश्चिम में सीतोदा महानदी के दक्षिण में आठ दीर्घ । ॐ वैताढ्य, आठ तमिस्रगुफाएँ, आठ खण्डकप्रपात गुफाएँ, आठ कृतमालक देव, आठ नृत्यमालक देव, के
आठ गंगाकुण्ड, आठ सिन्धुकुण्ड, आठ गंगा, आठ सिन्धु, आठ ऋषभकूट पर्वत और आठ ऋषभकूट देव हैं। ८४. जम्बूद्वीप नामक द्वीप में मन्दर पर्वत के पश्चिम में सीतोदा महानदी के उत्तर में आठ दीर्घ वैताढ्य, आठ तमिस्रगुफाएँ, आठ खण्डकप्रपात गुफाएँ, आठ कृतमालक देव, आठ नृत्यमालक देव,
आठ रक्ताकुण्ड, आठ रक्तवतीकुण्ड, आठ रक्ता, आठ रक्तावती, आठ ऋषभकूट पर्वत और आठ ॐ ऋषभकूट देव हैं। ८५. मन्दर पर्वत की चूलिका बहुमध्यदेश भाग में आठ योजन चौड़ी है।
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अष्टम स्थान
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Eighth Sthaan
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