Book Title: Agam 03 Ang 03 Sthanang Sutra Part 02 Sthanakvasi
Author(s): Amarmuni, Shreechand Surana
Publisher: Padma Prakashan

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Page 446
________________ 25 5 55 5 55 55555 5 5 5 5 5 5555555595555555952 25 55 5 5 5 5 5 5 5 5 5 5 5 5 5 5 5 5 5 5 5 5 5 5 5 5 5 5 5 5 5 5 5 5 5 5 5 5 5 5 5 5 5 5 5 55 5 5 @ काकणिरत्न- पद KAKANIRATNA PAD (SEGMENT OF KAKANI GEM) ६१. एगमेगस्स णं रण्णो चाउरंतचक्कवट्टिस्स अट्ठसोवण्णिए काकणिरयणे छत्तले दुवाल - संसिए अट्टकणिए अधिकरणिसंठिते । 61. Every Chaturant Chakravarti has a Kakini ratna weighing eight Suvarna (an ancient coin). It has six surfaces, twelve angle, eight diagonals and is anvil-shaped. ६१. प्रत्येक चातुरन्त चक्रवर्ती राजा के आठ सुवर्ण जितना भारी काकिणी रत्न होता है। वह छह फ तल, बारह कोण, आठ कर्णिका वाला और अहरन (एरण) के संस्थान वाला होता है। 卐 मागध-योजन - पद MAAGADH YOJAN-PAD (SEGMENT OF MAAGADH YOJAN) ६२. मागधस्स णं जोयणस्स अट्ठ धणुसहस्साइं णिधत्ते पण्णत्ते । ६२. मगध देश के योजन का प्रमाण आठ हजार धनुष प्रमाण है। 62. The measure of Yojan in Magadh country is eight thousand Dhanush. जम्बूद्वीप - पद JAMBUDVEEP PAD (SEGMENT OF JAMBU CONTINENT) ६३. जंबू णं सुदंसणा अट्ठ जोयणाई उड्डुं उच्चत्तेणं, बहुमज्झदेसभाए अट्ठा जोयणाई विक्खंभेणं, सातिरेगाइं अट्ठ जोयणाई सव्वग्गेणं पण्णत्ता । ६४. कूडसामली णं अट्ठ जोयणाई एवं चेव । ६५. तिमिसगुहा णं अट्ठ जोयणाई उड्डुं उच्चत्तेणं । ६६. खंडप्पवातगुहा णं अट्ठ (जोयणाई उड्ड उच्चत्तेणं) । ६३. सुदर्शन जम्बू वृक्ष आठ योजन ऊँचा, बहुमध्यप्रदेश ( ठीक बीच में) भाग में आठ योजन चौड़ा और सर्व परिमाण में कुछ अधिक आठ योजन है । ६४. कूट शाल्मली वृक्ष भी पूर्वोक्त वाला जानना चाहिए । ६५. तमिस्र गुफा आठ योजन ऊँची है । ६६. खण्डप्रपात गुफा आठ ऊँची है। प्रमाण योजन 63. The beautiful Jambu tree is eight Yojan tall, eight Yojan wide in the middle and a little more than eight Yojan in overall dimension. 564. The dimensions of Koot Shalmali tree should also be read as फ्र aforesaid. 65. Tamisra cave is eight Yojan high. 66. Khandaprapat cave is eight Yojan high. स्थानांगसूत्र (२) विवेचन - वैताढ्य पर्वत के मूल में पश्चिम में तमिस्रा गुफा तथा पूर्व भाग में खण्ड प्रपात गुफा है। पूर्वी गुफा के किनारे गंगा तथा पश्चिमी दिशा के किनारे सिन्धु नदी बहती है । गुफाओं के उत्तर-दक्षिण दोनों तरफ एक-एक विशाल द्वार है। ये द्वार सदा बन्द हीं रहते हैं । जब चक्रवर्ती षट्खण्ड विजय को फ Jain Education International फ्र (386) क For Private & Personal Use Only Sthaananga Sutra (2) फफ 卐 www.jainelibrary.org

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