________________
ॐ स्थान की विशेषता से गहरा जैसा प्रतीत होता है। (३) कोई जल गहरा होता है, किन्तु उथला जैसा + प्रतीत होता है। (४) कोई जल गहरा होता है और गहरा ही प्रतीत होता है। 卐 इसी प्रकार पुरुष भी चार प्रकार के होते हैं-(१) कोई पुरुष उथला (तुच्छ) होता है और तुच्छ + कार्य करने से तुच्छ प्रतीत होता है। (२) कोई तुच्छ होता है, किन्तु गम्भीर जैसा प्रतीत होता है।
(३) कोई गम्भीर होता है, किन्तु तुच्छ कार्य करने से उथला जैसा प्रतीत होता है। (४) कोई गम्भीर 卐 होता है और गम्भीर ही प्रतीत होता है।
585. Udak (water) is of four kinds-(1) Uttan and uttanavabhasisome water is shallow and seems to be shallow. (2) Uttan and
gambhiravabhasi-some water is shallow but seems to be deep. (3) 5 Gambhir and uttanavabhasi—some water is deep and seems to be
shallow. (4) Gambhir and Gambhiravabhasi-some water is deep and seems to be deep.
In the same way manushya (man) is of four kinds-(1) some man is simple (ordinary) and seems to be simple. (2) Some man is simple but seems to be serious (profound). (3) Some man is serious but seems to be simple. (4) Some man is serious and seems to be serious also. __५८६. चत्तारि उदही पण्णत्ता, तं जहा-उत्ताणे णाममेगे उत्ताणोदही, उत्ताणे णाममेगे ॐ गंभीरोदही, गंभीरे णाममेगे उत्ताणोदही, गम्भीरे णाममेगे गंभीरोदही।
एवामेव चत्तारि पुरिसजाया पण्णता, तं जहा-उत्ताणे णाममेगे उत्ताणहियए, उत्ताणे णाममेगे गंभीरहियए, गंभीरे णाममेगे उत्ताणहियए, गंभीरे णाममेगे गंभीरहियए। ॐ ५८६. समुद्र चार प्रकार के कहे हैं-(१) उत्तान और उत्तानोदधि-कोई समुद्र पहले उथला होता है ॥
और बाद में भी उथला रहता है (क्योंकि अढ़ाई द्वीप से बाहर के समुद्रों में ज्वार नहीं आता)। ॐ (२) कोई समुद्र पहले तो उथला होता है, (ज्वार भाटे से पहले) किन्तु बाद में ज्वार आने पर गहरा हो ॥ + जाता है। (३) कोई समुद्र पहले गहरा होता है, किन्तु बाद में ज्वार उतर जाने पर उथला हो जाता है। म - (४) कोई समुद्र (मध्य भाग में) पहले भी गहरा होता है और बाद में भी गहरा होता है। म इसी प्रकार पुरुष भी चार प्रकार के कहे हैं-(१) उत्तान और उत्तानहदय-कोई पुरुष व्यवहार में
अनुदार या उथला होता है और उसका हृदय भी अनुदार होता है। (२) कोई व्यवहार में अनुदार या ॐ उथला होता है, किन्तु हृदय गम्भीर या उदार होता है। (३) कोई गम्भीर किन्तु अनुदार हृदय वाला, 5 और (४) कोई गम्भीर और गम्भीरहृदय वाला होता है। 5 586. Udadhi (sea) is of four kinds—(1) Uttan and uttanodadhi-some
sea is shallow initially and remains shallow later as well (the seas outside Adhai Dveep are free of tides). (2) Uttan and gambhirodadhisome sea is shallow initially but deep later (before and after a tide).
卐55555555555555555555555555555555555555555555555
स्थानांगसूत्र (२)
(50)
Sthaananga Sutra (2)
95%%%%%%%%%%%%%%步步步步步步步步步步步步步步步步步步步步
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org