Book Title: Shekharchandra Jain Abhinandan Granth Smrutiyo ke Vatayan Se
Author(s): Shekharchandra Jain Abhinandan Samiti
Publisher: Shekharchandra Jain Abhinandan Samiti
View full book text
________________
शुभेच्छा 2
नवलकिशोर शर्मा
राज्यपाल, गुजरात
सत्यमेव जयते
17
राजभवन
गांधीनगर - ३८२०२०
筑
दिनांक १५-११-२००६
प्रिय श्री विनोदभाई हर्ष !
आपका पत्र मिला। यह जानकर प्रसन्नता हुई कि आपने डॉ. शेखरचन्द्र जैन का अभिनंदन करने के लिए एक अभिनंदन ग्रंथ-२००७ में प्रकाशित करने का निश्चय किया है। डॉ. शेखरचन्द्र जैन से मेरी भी मुलाकात हो चुकी है। उनके बारे में जो संलग्न पत्रिका में पढ़ा, उससे जाना कि उनकी जैन धर्म के प्रति आस्था है और वे भगवान महावीर स्वामी के सिद्धांतों को अपने जीवन में ग्रहण कर, लोगों की सेवा करने का कार्य करते आ रहे हैं।
लोगों की सेवा करने से बड़ा कोई कार्य व धर्म नहीं है। इनके द्वारा किये गये कार्यों को देखकर पू. मुनिराजगण, मित्रगण, शुभेच्छक, साथियों ने उनका राष्ट्रीय स्तर पर सम्मान करने का संकल्प किया है यह और भी प्रसन्नता की बात है। मुझे आशा है प्रकाशित अभिनंदन ग्रंथ में इनके जीवन से संबंधिथ सभी बातों को छापा जायेगा जिससे लोगों को प्रेरणा मिलेगी।
मैं अभिनंदन समारोह तथा प्रकाशित होने वाले अभिनंदन ग्रंथ की सफलता हेतु अपनी शुभकामनायें प्रेषित
करता हूँ।
नवलकिशोर शर्मा