Book Title: Shekharchandra Jain Abhinandan Granth Smrutiyo ke Vatayan Se
Author(s): Shekharchandra Jain Abhinandan Samiti
Publisher: Shekharchandra Jain Abhinandan Samiti
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क्लोनिंग तथा कर्म-सिद्धान्त
(डॉ.) अनिलकुमार जैन कुछ वर्षों से 'क्लोनिंग' एक बहुचर्चित विषय रहा है। खासतौर पर जब से वैज्ञानिकों ने एक भेड़ का क्लोन तैयार करने में सफलता प्राप्त कर ली है तब से नाना प्रकार की अटकलें लगाई जा रही हैं। कुछ वैज्ञानिकों ने यह कहकर कि मानव का क्लोन भी दो वर्षों के अन्दर तैयार कर लिया जायेगा, इस विषय की ओर आम लोगों का ध्यान भी
आकर्षित कर दिया है। कई वैज्ञानिक तथा अनेक बुद्धिजीवी इस विवाद में उलझे हुए हैं कि क्या मानव का क्लोन भी तैयार किया जा सकता है? क्या 'मानव-क्लोन' तैयार करना एक अनैतिक कृत्य नहीं होगा? आजकल इन्टरनेट पर भी इसके समर्थन और विरोध में मत जुटाये जा रहे हैं। कई विकसित देश भी इस विवाद में कूद पड़े हैं।
क्लोनिंग ने वैज्ञानिकों तथा बुद्धिजीवियों को तो प्रभावित किया ही है, साथ ही । दार्शनिकों एवं धार्मिक नेताओं को भी चक्कर में डाल दिया है। जो प्रचलित धार्मिक । धारणायें हैं उनके लिए भी 'क्लोनिंग' एक चुनौती भरा विषय बन गया है। इसलिए । 'क्लोनिंग' को धार्मिक परिप्रेक्ष्य में परिभाषित करना अपेक्षित हो गया है। इस चर्चा को आगे बढ़ाने से पहले हमें 'क्लोनिंग' तथा उसकी तकनीक के बारे में जानना होगा।
क्लोनिंग क्या है? किसी जीव विशेष के जैनेटिकल प्रतिरूप पैदा होना 'क्लोनिंग' कहलाता है। 'क्लोन' उस जीव विशेष का मात्र नवजात शिशु ही नहीं होता, बल्कि यह उस जीव का एक प्रकार से कार्बन कॉपी होता है। जन्म की सामान्य प्रक्रिया में भ्रूण का निर्माण नर के शुक्राणु (Spem Cell) तथा मादा के अण्डाणु (Egg Cell) के संगठन (Fussion) से होता है तथा इस भ्रूण की कोशिका (cell) के केन्द्रक (Nucleus) में गुणसूत्र (Chrprrpspme) पाये जाते हैं। उनमें से कुछ गुणसूत्र नर के तथा कुछ गुणसूत्र मादा के होते हैं। सामान्य जन्म की यह प्रक्रिया लैंगिक (Sexual) प्रजनन कहलाती हैं। क्लोनिंग की प्रक्रिया में भ्रूण का निर्माण कुछ अलग ढंग से कराया जाता है। (इसका हम आगे वर्णन करेंगे) तथा इस भ्रूण की कोशिका के केन्द्रक में सारे के सारे गुणसूत्र किसी एक (नर या मादा) के होते हैं। जिस जीव का 'क्लोन' तैयार करना हो, उसी जीव के सारे के सारे गुणसूत्र क्लोन की कोशिका के केन्द्रक में भी होते हैं। इस प्रकार क्लोन में ।