Book Title: Shekharchandra Jain Abhinandan Granth Smrutiyo ke Vatayan Se
Author(s): Shekharchandra Jain Abhinandan Samiti
Publisher: Shekharchandra Jain Abhinandan Samiti
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mamapa
स. x ट, x म
- = आ, स, Xट, + २स x ट, + स, Xट, +...
म = आ, + आ + आ, +... व्याज के लिये नियम (Formula) :
३ - (i)
म
आ.
..
"
म= +स, + स + स, + समय निकालने के लिये नियम (Formula) :
(i)./स.»म (२x२) x2 ==स
५ - (i) स.ट, स, Xट.......
मxट
-
-
आ
बीजगणित में महावीराचार्य ने [ अ + ब ] = अ + 3 अब + 3 अब+ ब प्रतिपादित कर द्विपद प्रमेय के विस्तार की अवधारण दी।
रेखागणित के क्षेत्र में जिन ज्यामितिक क्षेत्रो का अध्ययन उन्होने किया एवम् जिनका चित्त सहित निरूपण किया उन में से कुछ हैं
निम्नवृत्त
उन्नतवृत्त
कुंबकवृत्त