Book Title: Rajasthani Hindi Shabdakosh Part 01
Author(s): Badriprasad Sakariya, Bhupatiram Sakariya
Publisher: Panchshil Prakashan
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अरण्ये । ६१ )
परैरे जहां एक खंडित सूर्य मंदिर, जिसकी सूर्य अरध-(वि०) १. अद्ध । आधा । (क्रि० मूत्ति पर सूर्योदय और सूर्यास्त के समय वि०) नीचे । सूर्य का प्रकाश पड़ता है। अरणोदजीरो अरधगोखो-(न०) डिंगल का एक छंद । मंदिर । २. मेवाड़ का एक प्रसिद्ध तीर्थ अहध भाख-(न०) डिंगल का एक छंद । स्थान 'अरणोंद-गोतमजी' । ३. अरुणो- अरध भाखड़ी-(ना०) डिंगल का एक दय । सूर्योदय । उषाकाल ।
छंद । अरण्य—(न०) १. जंगल । वन । २. दश- अरध सावझड़ो-(न०) डिंगल का एक नामी संन्यासियों का एक भेद ।
। छन्द । अरण्य' कांड-(न०) रामायण का तीसरा अरधाळी-(ना०) छंद की एक पंक्ति के काण्ड ।
दो भागों में का एक भाग । अर्क्ली । अरत्त-(वि०) १. विरक्त । २. जो लाल अरधांग-(न0) अर्धांग नामक एक वात रंग का न हो।
रोग । पक्षाघात । २. आधा अंग। (ना०) अरथ-(न०) १. धन । सम्पत्ति । २. शब्द
.. अर्धांगिनी। का अभिप्राय । अर्थ । मतलब । ३. मनो
अरवांगणी-(ना०) दे० अरधांगी। रथ । ४. अभिप्राय । प्रयोजन । ५. निमित्ति । इष्ट । काम । (क्रि० वि०)
अरधांगी--(ना०) अर्धांगिनी । पत्नी । लिये । निमित्त ।
अरधूस--(न०) १. एकाएक पापड़ना । अरथ प्राणो-(मुहा०) १. काम में सहा
आक्रमण । २. सेना । यक होना । २. उपयोग में आना।
अरधो- (वि०) आधा । प्राधो । अरथ-गरथ-(न०) १. धन और घर।
अरपण-दे० अर्पण।
. २. धनमाल । ३. घर-बार ।
अरपणो--(क्रि०) १. अर्पण करना । भेंट अरथाकळ-(अव्य०) दे० अर्थाकळ । करना । २. देना । सौंपना । अरथाणो-(कि०) १. अर्थ करके सम- अरब-(न०) १. सौ करोड़ की संख्या । झाना। २. अर्थ को विवरण विवेचन
। २ को विवरण विवेचन २. एक देश का नाम । और उदाहरणों इत्यादि से स्पष्ट करना। अरबी-(वि०) १. अरब देश का । (ना०) २. दुहराना । ४. स्मरण कराना । अरबी भाषा। याद दिलाना । दे० अरथ प्राणो। अरबुद--(न०) अर्बुद । प्रावू । अरथात-(अव्य०) १. अर्थ यह है कि। अरबुदियो-(न०) आबू पर्वत ।
२. अभिप्राय यह है कि । अर्थात् । यानी। अरभक-(न०) नवजात बालक । अर्भक । प्ररथावरणो--दे० प्ररथारणो।
अरभंग-(न०) १. रावल मल्लिनाथ के अरथी-(वि०) १. लोभी । अर्थी । वीर पुत्र जगमाल के नगाड़े का नाम ।
२. याचक । ३. जरूरत वाला । ४. धन- प्रभरंग (विपर्यासनाम)। २. शत्रु का वान । (ना०) मुर्दे को शमशान ले जाने नाश करने वाला। की रथी। सोढी।
अरमान-- (न0) इच्छा । अभिलाषा । अरदली-(वि०) हुकुम बजाने वाला । अरमोड़ो--(वि०) शत्रु को पीछे हटाने चाकर । अर्दली।
वाला। अरदास-(ना०) १. अर्जदास्त । प्रार्थना। अरर-(अव्य०) शोक, दुख, दर्द इत्यादि के
२. सिख सम्प्रदाय की गुरु प्रार्थना। कारण मुंह से निकलनेवाला एक शब्द ।
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