Book Title: Rajasthani Hindi Shabdakosh Part 01
Author(s): Badriprasad Sakariya, Bhupatiram Sakariya
Publisher: Panchshil Prakashan
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गर्भवती ( ३१०)
गळहेर्थ गर्भवती-(वि०) सगर्भा । गभिरणी।
तरल पदार्थों को छानने का कपड़ा। गर्भवास-(न०) १. उदर में गर्भ का वास । छन्ना । जलछारणरणो। जळछारपरिणयो। २. उदरस्थ गर्म ।
गलत-(वि०) १. अशुद्ध । जो सही न हो । गल-(ना०) १. बात । २. खबर । समाचार। २. असत्य । झूठा । खोटो।
३. संदेश । ४. गप्प । डींग । ५. पुकार। गळत कोढ-(न०) गलितकुष्ट । कोढ । गळ-(ना०) १. गला । कंठ। (किवि०) गळत कोढी-(न०) गलितकुष्टी । कोढियो । १. संलग्न । २ पास । निकट । ३. चारों
गळतंग-(न०) ऊंट के गले में माला की ओर।
तरह बंधी हुई एक मोटी रस्सी जिसको गळकासिला-(ना०) गंडकी नदी को
ऊट पर कसे हुए पलान के अगले भाग शिला । सालिग्राम ।
में एक रस्सी के टुकड़े से इसलिए बाँध गळगळो-(वि०) १. अत्यधिक हर्ष, प्रेम,
दिया जाता है कि जिससे पलान ऊंट की अदा ग्रादि के कारण आवेग से पूर्ण । पीठ पर से पीछे की ओर न खिसक सके। पुलकित । गदगद । २. दुखकातर ।
गळती-(वि०) समाप्त होती हुई। बीतती ३. अश्रु पूर्ण।
हुई (रात)। (ना०) भूल । गलती। गळगै-(ना०) १. मन की गांठ । मन की।
खोट। बात । २. गलग्रंथि । गले की गाँठ।
गळथरणो-(न०) १. खूटे से बाँधने के लिए (अव्य०) मन में
पशु के गले में डाली जाने वाली रस्सी । गळचिया खाणो-(मुहा०) मुह, नाक, कान
२. बकरी के गले में लटकने वाला स्तन । प्रादि में पानी घुस जाने पर डूबने की
(क्रि०) गले में रस्सी डालना। गले में स्थिति में होना। २. यथार्थ उत्तर नहीं
डोरी बाँधना। दे सकने की स्थिति में या घबराहट से ।
गळपटियो-(ना०) स्त्रियों के गले में पहिऊटपटांग उत्तर देना।
नने का एक प्राभूषण। गळचियो--(न०) गले से ऊपर मुह, कान, नाक में आ जाये उतने पानी में डबने की गलफो-(न०) १. ऊंट की फुलाई हुई जीभ ।
गल्लो। २. गाल का अंदर का भाग। क्रिया। गळडवो-(न०) कंधे पर रहने वाला चमड़े
गले के अंदर का चमड़ा। का लंबा पट्टा जिसमें तलवार लटकाई गलबल-(अनु०) शोर । कोलाहल । रहती है।
गलबो-दे० गलबल। गळणियो-(न०) दे० गळणी। गळवाणी-(ना०) घी में सिके हुए गेहूँ के गळणी-(ना०) १. तरल पदार्थ छानने का आटे को गुड़ के पानी में प्रौटा कर बनाई
उपकरण, चलनी । चाळणी । २. गले हुए जाने वाली पतली राब। मीठी राब । अफीम को छानने की (बकरी के स्तन गुळराब । जैसी ) कपड़े की एक थैली।
गळसूडो-(न०) १. गले और तालू के बीच गळणो-(क्रि०) १. गलना । पिघलना। में उभरा हुआ भाग। गलशुडी । गले का पिघळरयो । २. दुबला होना । क्षीण होना। एक रोग । ३. बीतना। खतम होना। ४. रस गळहथ-(ना०) १. सौंगघ । शपथ । बनना । ५. छनना । (न०) पानी आदि २. बंधन ।
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