Book Title: Rajasthani Hindi Shabdakosh Part 01
Author(s): Badriprasad Sakariya, Bhupatiram Sakariya
Publisher: Panchshil Prakashan
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दसमो साळगराम
( ५६८)
दस्तरी
दसमो साळगराम-(न0) जालोर के राव सु-(न०) चोर । दस्यु ।
कान्हड़दे सोनगरा की एक उपाधि । दसूदी-(ना०) १. कृषि उपज में से दसवें दसरथ-दे० दशरथ ।
भाग के रूप में लिया जाने वाला कर । दसरथ-तण-(न०) राम । दसरथ तनय । दसोंदी । २. ब्रह्मभट्टों (रावों) को दिया दसरथ रावउत-(न०) १. श्री रामचंद्र । जाने वाला नेग। ३. ब्रह्मभट्टों (रावों) की
२. पृथ्वीराज राठौड़ के इस शीर्षक या एक उपाधि । संबोधन के श्रीरामचंद्र की स्तुति का दोहा दसेरक-(न०) १. मरुप्रदेश । २. मरुप्रदेश काव्य ।
___ का एक भाग जो सपादलक्ष (स्वाळख) दसरावो-(न०) आश्विन शुक्ल १० मी का नाम से प्रसिद्ध है। नागोर जिला ।
भगवान राम द्वारा रावण के वध का स्वाळख । उत्सव । रावण वध का मेला । विजया- दसेरी-(ना०) दस सेर का तौल । दशसेरी। दशमी । दशहरा।
दसेरो-(न०) १. दशहरा । २. दश सेर का दसरोहो-दे० दसरावो ।
तौल। दसवीसी-दे० दसबीसी।
दसैं-दे० दसमी। दस सहसो-(न०) गहलोत क्षत्रियों की एक दसो-(न०) १. जाति का उपभेद । २. संकर उपाधि ।
जाति । ३. वर्णसंकर । ४. दसवाँ वर्ष । दससिर-(न०) रावण ।
दसोठण-(न०) १. पुत्र जन्म के बाद दसवें दससीस-(न०) रावण । वसमाथ ।
दिन की जाने वाली अशौच शुद्धि । २. दसा-दे० दशा । (न०ब०व०) १. उपजाति पुत्र जन्म के संबंध में किया जाने वाला
के लोग । जैसे-दसा प्रोसवाळ, दसा एक भोजन समारोह । श्रीमाळी इत्यादि । २. किसी जाति की दसोतरसो-दे० दावोतर सो। पेटा जाति । उपजाति । ३. वर्णसंकर। दसोतरी-(ना०) १. प्रति सौ के हिसाब से जाति का वंश ।
दश और । २. प्रति सौ के ऊपर दस और दसागरण-(न०) दशानन । रावण । वस- देने लेने का रिवाज । ३. मकान या
जमीन बेचने पर प्रति सौ रुपयों पर दस दसानन-दे० दसाणण।
रुपये के हिसाब से लिया जाने वाला दसावळ-(क्रि०वि०) दशों दिशामों में। मारवाड़ राज्य का एक पुराना कर । दसादहाड़ो-दे० दहाड़ोजी सं० १ दसोदिस-(अध्य०) १. चारों ओर । सब दसा-वीसो-१. किसी वस्तु के गुण, परि- तरफ । २. दशों दिशाओं में। (ना०) माण आदि का अंतर । २. परस्पर दुगुना दसों दिशाएँ । अंतर। ३. दस और बीस का अंतर। दस्त-(न०) हाथ । (ना.) १.पतला पाखाना। ४. एक खेल।
दस्त । २. बार बार पाखाना लगने का दसासुत-(न०) दीपक । दिशासुत।
रोग। दसी-१. दस वर्ष का समय । २. दस की दस्तखत-दे० दसखत । संज्ञा का ताश का पता।
दस्तपोशी-(ना०) एक दूसरे से मिलने पर दसी-वीसी-(ना०) चढ़ती-पड़ती। उन्नति- परस्पर हाथ मिलाना । अवनति ।
दस्तरी-(ना०) कागज की तख्ती।
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