Book Title: Rajasthani Hindi Shabdakosh Part 01
Author(s): Badriprasad Sakariya, Bhupatiram Sakariya
Publisher: Panchshil Prakashan
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दिति (११)
दीन्ही प्रेत कर्म कराने वाला और उसका दान के बाद गोदसीदित्य से भोगादीत तक लेने वाला ब्राह्मण। महा पात्र। महा ५५ पीढ़ीयों की दीत या दीत ब्राह्मणों ब्राह्मण । कट्टहा । कारटियो।
(प्रादित्य ब्राह्मणों) की अल्ल या गोत्र । दिसि-(ना०) १. दिशा । २. मोर । तरफ। दीत ब्राह्मण । (नैणसी री ख्यात) दिसिया-(ना.) १. दिशा । २. ओर। दीत ब्राह्मण-दे० दीत सं० २ । तरफ ।
दीत बार-(न०) सूरजवार । रविवार । दिह-(न०) १. दिन । २. दिशा। दीद-(ना०) १. आँख । २. दृष्टि । नजर । दिहाड़ी-(अव्य०) १. नित्य प्रति । प्रति- दीदा-(न०)बड़ी बहिन का पति । बहनोई।
दिन । हर रोज । (ना०) दैनिक पारि- दीदार-(न०) १. दर्शन । २. स्वरूप । ३.
श्रमिक । एक दिन का वेतन । बनगी। मुख । ४. कान्ति । दिहाड़ो-(न0) दिवस । दिन ।
दीदारू-(वि०) १. दीदार वाला। स्वरूपदिंग-(वि०) चकित । दंग । छक।
__ वान । कांतिमान । २. दर्शनीय । दी-(न०) १. दिन । दिवस । २. दशा का
दीदी-(न0) बड़ी बहन । जीजी। ग्रह (प्रत्य) संबंध कारक स्त्रीलिंग दीध-(भू०क्रि०) दे दिया। दिया । (वि०) विभक्ति । की। (क्रि०५०) दी। दे दी।
दिया हुआ।
दीधा-(प्रव्य०) देने से । देने पर । प्रदान की। दीकरी-(ना०)१. पुत्री । बेटी । २. कन्या ।
दीधो-(भू०क्रि०) दिया । प्रदान किया।
दीधोड़ी-(वि०) दी हुई । प्रदत्त । दीकरो--(न०) पुत्र । बेटा।
दोधोड़ो-(भू००) दिया हुमा । प्रदत्त । दीक्षा-(ना०) १. गुरु के द्वारा व्रत, नियम,
दीन-(वि०) १. गरीब । २. दुखी। ३. उपदेश व मंत्र आदि लेने की क्रिया ।।
विनीत । (न०) १. धर्म । मजहब । २. गुरु मुख से मंत्र ग्रहण। २. संन्यास ।।
मुसलमानी धर्म। ३. शास्त्र विधि से लिया हुआ किसी दीनता-ना०) १. गरीब । २. नम्रता ।
देवता के मंत्र का उपदेश । ४. गुरुमंत्र । दीन दयाळ-(वि०) दीनों पर दया करने दीखणो-(क्रि०) दिखाई देना।
__ वाला । ईश्वर । दीघ-दे० दीर्घ ।
दीनदुखी-(न०) गरीब और दुखी । दीठ-(ना०) १. नजर। दृष्टि । (प्रव्य०) दीनदुनिया-(ना0) लोक-परलोक ।
१. प्रति । पीछे। प्रत्येक । फी। २. दीनबंधू-(न०) १. दीनों का सहायक । २. प्रत्येक के हिसाब से। (वि०) बहुतों में
से प्रति एक । प्रत्येक । हरेक । दीनानाथ-(न०) १. दीन दुखियों का दीठणो-(क्रि०) दिखना । दिखाई देना। रक्षक। २. ईश्वर । दीठा-(प्रव्य०) देखने से।।
दीनार-(न०) १. ढाई रुपयों की कीमत का दीठी-(ना०) दृष्टि । दोठ। (क्रि०५०) एक प्राचीन सिक्का । २. मध्ययुगीन एक देखी।
सुवर्ण मुद्रा। ३. एक तौल । दीठो-(भू०क्रि०) १. दिखाई दिया। २. दीना-(प्रव्य०) देने से ।
देखा । (वि०) अनुकृत । देखा हुआ। दीनो-दे० दीधो। दीत-(न०) १. प्रादित्य । सूर्य । २. चितौड़ दीनोड़ो-दे० दीघोड़ो।
के शासक मीसोदियों के पूर्वज वन शर्मा दीन्हो-दे० दीयो ।
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