Book Title: Rajasthani Hindi Shabdakosh Part 01
Author(s): Badriprasad Sakariya, Bhupatiram Sakariya
Publisher: Panchshil Prakashan
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घ्रवान
(१६)
नकटो
ध्रवान-(ना०) १. शब्द । अावाज । २. ध्र-(न०)१.मुंड । मस्तक । २.ध्र वतारा । गिरने की आवाज ।
ध्र जट-दे० धूजटी। ध्रग-दे० द्रग।
धूमाळा-(ना०) मुडमाला। ध्राइणो-(क्रि०) तृप्त होना ।
ध्रुख-(न०) १. द्वेष । बैर । २. विरोध । ध्रापणो-दे० धापणो।
ध्रोण-(न०) सिर । मस्तक । ध्राव-(न०) गाय-भैंस आदि मवेशी । पशु। ध्रोब-(ना०) दूर्वा । दूब ।। ध्रावणो-(क्रि०) तृप्त होना । धापरणो। ध्रोब-पाठम-(ना०) १. भादौं शुक्लाध्रीबरणो-(क्रि०) १. पटकना । २. रखना। अष्टमी। दूर्वा ग्रहणी अष्टमी। दूर्वा
३. जलाना। ४. मारना। पीटना । ५. ष्टमी । ध्रुवप्रष्टमी। (इसी दिन भगवान पछाड़ना।
विष्णु ने अपने भक्त ध्रुव को दर्शन दिये ध्रीह-(ना०) नगाड़े का शब्द ।
थे, इसलिये यह ध्र वाष्टमी भी कही ध्रुव-(न०)१. उत्तर दिशा का एक निश्चल जाती है। (मारवाड़ में खेड़ पाटण में
तारा। २. राजा उत्तानपाद का प्रख्यात ध्रुवनारायण के प्राकट्य का इस दिन विष्णुभक्त पुत्र । ३. पृथ्वी जिस अक्ष पर बड़ा मेला भरता है। यहाँ ११ वीं सदी फिरती है उसके दोनों सिरों में से प्रत्येक। का ध्र वनारायण का बड़ा मंदिर बना यथा-उत्तरी ध्रव । दक्षिणी ध्रव । हुआ है, जो अब रणछोड़राय के मंदिर ४. उत्तर दिशा। (वि०) १. स्थिर। के नाम से प्रसिद्ध है ।) निश्चल । अटल । २. निश्चित । ३. ध्वज-(न०) झंडा । ध्वजा । (ना०)पताका। प्रथम । पहला।
धजा। ध्र वरणो-(क्रि०) १. बजना । २. लड़ना। ध्वनि-(ना.) १. आवाज। शब्द । २. ३. युद्ध करना । ४. मारना ।
___ व्यंजना। ध्र व तारो-(न0) ध्रव का तारा। उत्तर ध्वनिग्रह-(न०) कान । श्रवणेन्द्रिय ।
की दिशा का एक निश्चल तारा। ध्वंस-(न०) नाश । बरबाद ।
न-संस्कृत परिवार की राजस्थानी वर्णमाला नई-(ना०) नदी । (वि०) नवीन । नयी ।
का बीसवाँ और त वर्ग का पांचवां दंत नक-(न0) नाक । स्थानीय अनुनासिक व्यंजन वर्ण ।
नक-छींकणी-(ना०)१.नसवार । सुघनी । न-(प्रव्य०) १. नकारात्मक शब्द । निषेध
२. एक घास। सूचक शब्द २.ना। नहीं। ३.एक उपसर्ग।
नकटाई (ना०) १. निर्लज्ज । बेशर्मी । २. (वि०) अन्य ।
धृष्टता। नई-दे० नै ।
नकटी-(वि०) १. नाककटी । २. निर्लज्ज । नइड़-दे० नइयड़ ।
३. दुराचारिणी। नइयड़-(न०) १. नदी के पास वाला देश। नकटो-(वि०) १. नाककटा। नकटा । २.
नदर। २. नदी तट का उपजाऊ प्रदेश । निर्लज्ज । बेशर्म । (न०) क्षुद्रता सूचक ३. निकट की सीमा का प्रदेश ।
एक शब्द ।
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