Book Title: Rajasthani Hindi Shabdakosh Part 01
Author(s): Badriprasad Sakariya, Bhupatiram Sakariya
Publisher: Panchshil Prakashan
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नीसासो (६६ )
नुगतो (ना.) 'नीसाणी' संज्ञक राजस्थानी काव्य नींबू-(न०) एक प्रसिद्ध खट्टा फल । निम्बू । - ग्रन्थ । जैसे-'नीसाणी विवेक वार्ता री।' नीबू । नीसासो- (न०) निस्स्वास । लँबी साँस। नींबोळी-(ना०) १. नीम वृक्ष का फल । निश्वास।
निबोरी। नीमकोड़ी। २. स्त्री के गले नींगळणो-(क्रि०) १. अधिक पुराना होने का एक गहना। मूंट । तिमनिया ।
तथा चिकनाई मादि लगने से मिट्टी के तिमरिणयो। पात्र की वह स्थिति होना कि वह चुए नींव-(ना०) बुनियाद । नींव । प्राधार ।
जड़ । गि। नहीं। २. अधिक समय तक पानी भरा
नीवाड़ो-दे० नीवाड़ो। भरा रहने से मिट्टी के घड़े का पक्का हो
नुकती-दे० नुगती। जाना। ३. रोग आदि संकटों से मुक्त होना । ४. कुशलता प्राप्त करना । कुशल
नुकतो-दे० नुगतो। होना । ५. चालाक होना । पूर्तता नुकरी-(न०) १. छोटा टुकड़ा। २. प्रफीम सीखना । ६. निगलना । गिटना। ७.
का टुकड़ा । ३. सफेद रंग का घोड़ा ।
४. घोड़े का सफेद रंग । ५. चांदी। परिपक्व होना। ८. प्रौढ़ होना । ६.
नुकळ-(न०) अफीम आदि नशीले पदार्थों निपुण होना। १०. अनुभवी होना।
के खाने के बाद मुंह का स्वाद सुधारने नींगारणो-(न०) १. कपड़े का वह टुकड़ा
के लिए सुपारी, मिश्री, खारक आदि का जिससे चक्की की वाटी में से आटे को झाड़ पोंछ कर साफ किया जाता है । २.
टुकड़ा । नुकरो।
नुकल-दे० नकल । दे० नुकळ । फटा हुआ पुराने कपड़े का टुकड़ा। (क्रि०)
नुकस-(न0) त्रुटि । कसर । नुक्स । चक्की की वाटी में लगे चून को कपड़े से
नुकसारण-(ना०) १. नुकसान । हानि । २. पोंछ कर साफ करना। नीं-तर-दे० नहिंतर । नीतर ।
बिगाड़ । दोष । ३. हानि । घाटा।
क्षति । ४. ध्वंस । नाश। नी-तो-दे० नहीं तो।
नुकसारणी-(ना०)१. नुकसान । हानि । २. नींद-(ना०) निद्रा । ऊँघ ।
नुकसान की पूर्ति । हरजाना।। नींदर-(ना०) निद्रा। नींदाण-दे० नैदाण।
नुगरणो-(वि०) १. निर्गुणी। मूर्ख । २
उपकार को नहीं मानने वाला । कृतघ्न । नींदामण-दे० नैदाण।
निगुणो। नींदामणी-दे० नैदाण ।
नुगती-(ना०)एक मिठाई । मीठी बुंदिया । नींदाळ-(वि०) निद्रालु ।
नुकती। नींदाळवो-(वि०) निद्रालु ।
नुगतो-(न०) १. अवसर । मौका । २. नींदाळ वो-(वि०) अधिक सोने वाला। नैमित्तिक कार्य । ३. नैमित्तिक भोज । । उनींदा।
४. मृत्युभोज । नुकता। ५. सिफर । नींदाळ -(वि०) निद्रालु । निद्राशील। बिंदी । सुन । ६. सिन्धी, उर्दू, फारसी नींब-(न०) नीम वृक्ष ।
भाषाओं में हरूफ या लफ्ज के नीचे-ऊपर नींबड़ो-(न०) नीम।
संज्ञा के रूप में रखा जाने वाला बिन्दु । नींबावत-(न०) निंबार्काचार्य का अनुयायी
७. पर्व या उत्सव आदि का विशिष्ट साधु।
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