Book Title: Rajasthani Hindi Shabdakosh Part 01
Author(s): Badriprasad Sakariya, Bhupatiram Sakariya
Publisher: Panchshil Prakashan
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नोहरो ४४)
प्रत्य नोहरो-(न०) १. अनुरोध । निहोरा। २. अधिकारी जो मुकदमों का निर्णय करता
मनुहार । ३. खुशामद । ४. गाय, मैस है। पादि बांधने का बाड़ा। बड़े भोज प्रादि न्यायालय-(न०) प्रदालत । कचहरी । की सामग्री तैयार करने का चारों ओर न्यायी-(वि०) १. न्याय करने वाला । २.
दीवाल से घिरा हुआ मैदान । बाड़ा। न्याय पर चलने वाला। ३. न्याय से नौका-(ना०) नाव । डूंडो।
संबंधित । नौकार-दे० नोकार ।
न्यार-(न०) १. मृतक की प्ररथी के साथ नौडियो-(न०) खींप या सिणिये के तृणों श्मशान तक जाने की क्रिया । न्यारो। को बल देकर बनाई हुई रस्सी।
लोकाचार । नौड़ी-(ना०) दे० नोडियो।
न्यारणी-(ना०) १. गाय भैंस आदि को नौरंग-(10) १. औरंगजेब । २. नवरंग नीरा जाने वाला घास-चारा । २. पुष्ष ।
न्यारिया की स्त्री। नौरंगजेब-(न०) औरंगजेब बादशाह । न्यारहाळो-दे० न्याराळो । नौरो-दे० नोहरो।
न्याराळो-(वि०) १. न्यार के लिये जाने नौरोजो-दे० नवरोजो।
वाला । न्यारे जाने वाला। २. न्यारे नौळ-दे० नोळ ।
गया हुआ। नौलखो-दे० नवलखो।
न्यारियो-दे० नियारियो। नौलासी-(ना०) छड़ी । दे० नवलासी ।
न्यारी-(क्रि०वि०) अलग । जुदी। (ना.) नौळियो-(न०) नेवला । नकुल ।
न्यारिये की पत्नी । नियारी। नौसादर-दे० नवसादर । न्याउ-(अव्य०)न्याय परक । न्याय संबंधी।
न्यारो-(क्रि०वि०) १. अलग । जुदा । (न०)
___ नियार । नियारो । बरलो । दे० न्यार । (न०) न्याय । न्यात-(ना०)१. एक वर्ग या जाति का लोक न्याल-दे० निहाल ।
समूह । न्याति । जाति । बिरादरी । २. न्याळ-(ना०) शिकार के समय मनाई जाने न्याति भोज ।
वाली मांस की दावत । २. आखेटन्यात-गंगा-(ना०) गंगा के समान पवित्र
गोष्ठी। पाखेट-भोज । करने का महत्व रखने वाला न्याति न्याव-दे० न्याय । समूह ।
न्यावटो-दे० न्याय । न्यात-जात-(ना०) १. अपनी न्याति और न्याव-पताव-(न०) १. न्याय-निर्णय । २.
दूसरी जाति । न्याति और पर न्याति । पंचायत निर्णय । ३. पंच निर्णय । ४. २. जात-पात ।
न्याय । ५. न्याय करने का काम । न्यात बारे-(वि०) न्याति में से बाहर किया न्याँई-(ना०) तरह । प्रकार । हुग्रा । न्याति-बहिष्कृत ।
न्योछावर-दे० निछावर । न्याय-(न०)१. इंसाफ । न्याय । २. फैसला। न्योळ-मुखी-दे० न्योळ-मुही।
निर्णय । (क्रि०वि०) निश्चय ही। न्योळ-मही-(ना०) ऊँटनी की एक जाति । न्यायकारी-(वि०) न्यायकर्ता ।
(वि०) लबे मुंह वाली। न्यायाधीश-(न०) न्याय विभाग का वह नत्य-दे० नृत्य ।
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