Book Title: Rajasthani Hindi Shabdakosh Part 01
Author(s): Badriprasad Sakariya, Bhupatiram Sakariya
Publisher: Panchshil Prakashan
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नाथको
मुद्रा।
माइकियो
( ६७३ ) नाडकियो-न०) १. छोटा कच्चा तालाब । लानः । २. नहीं आने देना। __ नाडो । २. पानी भरा हुआ खड्डा । नाण-विनाण-(न०)ज्ञान-विज्ञान । नाडकी-दे० नाडी।
नारणा-बजार-(न०) १. सराफी बाजार । नाडको-दे० नाडो।
सराफा । २. जौहरी बाजार । नाडर-दे० निडर ।
नाणा-भीड़-(नाo) पैसे की तंगी। अर्थनाड़ा-छोड़-(न०) १. पिशाब । मूत्र । लघु
संकट । शंका । २. पिशाब करने को जाने की नागो-(न०) १. धन । द्रव्य । २. रुपयाक्रिया।
पैसा। ३. चलता सिक्का । प्रचलित नाड़ा-छोड़करणो-(मुहा०)पिशाब करना। नाड़ा-टाँकण-(ना०) वर्षा ऋतु में दक्षिण
नातणो-(न०) अंगोछा । गमछा। पश्चिम की ओर से चलने वाली वर्षा
नातर-(न०) १. रक्त प्रदर का रोग । २. अवरोधक वायु । नाडा टोकरण ।
रजस्राव । (प्रव्य०) नहीं तो। नाडा-टोकरण-दे० नाड़ा टांकरण ।
नातरात-(ना०)१. 'नातरो' की हुई स्त्री। नाडियो-दे० नाडकियो।
२. पुनर्लग्न की हुई स्त्री । पुनर्विवाहिता। नाडी-(ना०) तलाई । बिना घाट का छोटा
. नातरायत-दे० नातरात ।
नातराई-(वि०) १. जिस जाति में स्त्री का तालाब । पोखर । नाडकी।
पुनर्लग्न या नाता हुअा हो। (उसका नाड़ी-(ना०) १. नस । २. नब्ज । नाड़ी।
विशेषण) नातरात । २. जिस व्यक्ति ने ३. चमड़े की रस्सी । ४. रस्सी ।
(पुनर्विवाह) नाता किया हो या जो नातनाड़ी-तोड़-(वि०) १. जबरदस्त । २. बल
रात का पुत्र हो (उसका विशेषण)। शाली । सेठो । ३. युवा।
__ नातरो-(न०) १. विधवा स्त्री का (बिना नाड़ी धमण-(न०) लुहार ।
लग्न विधि के) दूसरा पति करने की एक नाड़ी-वैद-(न०) नाड़ी देखकर निदान तथा
विधि । विधवा का दूसरा पति करना । चिकित्सा करने वाला वैद्य ।
२. विधवा स्त्री का पुनर्लग्न । नाडीव्रण-(न०) नासूर ।
नातो-(न०) १. संबंध । रिश्ता। २. दे० नाडो-(न०) छोटा कच्चा तालाब ।।
नातरो। नाउकियो।
नाथ-(न०) १. ईश्वर । २. श्रीकृष्ण । ३. नाड़ो-(न०) १. सूत का नारा । लहँगा मालिक । स्वामी । ४ पति । शौहर ।
आदि बांधने का फीता। इजारबंद । २. खाविंद । ५. राजा । ६. नाथ सम्प्रदाय । नवजात शिशु की नाल । आँवळ । जेरी।
७. संन्यासियों की एक उपाधि । संन्या३. चमड़े का रस्सा ।
सियों की दश उपाधियों में से एक । ८. नाड़ो-खोलणो-दे० नाड़ो-छोड़णो । गोरखपंथियों की एक उपाधि । ६. बैल नाड़ो-छोड़णो-(मुहा०) पिशाब करना । आदि पशुओं को वश में रखने के लिए मूतणो ।
उनके नाक में डाली जाने वाली रस्सी। नाढब-(वि०) १. बेतरतीब । २. अव्य- नाथ-अनाथ-(न०)अनाथों के नाथ। ईश्वर । वस्थित।
नाथणो-(क्रि०)१. बैल आदि का नाक बींध नाण-(न०) ज्ञान । बोध ।
कर उसमें रस्सी डालना । नाथना। २. नाणणो-(क्रि०) १. (न+पाणणो] नहीं वश में करना । नाथना ।
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