Book Title: Rajasthani Hindi Shabdakosh Part 01
Author(s): Badriprasad Sakariya, Bhupatiram Sakariya
Publisher: Panchshil Prakashan

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Page 698
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra निकल क www.kobatirth.org ( ६-१ ) प्रचलित होना । ६. सिद्धि होना । हल होना । ७ प्रकाशित होना । ८. अपने को बचा जाना । C. बिकना । खपना | १०. रोकड़ (नकद) अथवा माल की लेन देन का हिसाब होने पर रुपये किसी के जिम्मे ठहराना । ११. उधार बाकी रहना । १२. अपने उद्गम से प्रादुर्भूत होना । १३. पार होना । निकल' क - (वि०) कंलक । २. निर्दोष | ३. निष्पाप । ( न० ) १. विष्णु का कल्कि अवतार | कल्कि भगवान । २. निकंलक देव | ३. परब्रह्म । नकळागो - ( क्रि०) निकलवाना । निळावरगो-दे० निकळाणो । निकसरो - दे० निकळणो । निकसारो - ( न० ) १. निकलने की क्रिया या भाव | निकाल । निकास । २. निगर्मन । ३. छेद । ४. द्वार । दरवाजा । ५ मार्ग | रास्ता । निकंट- दे० नकंट | निकाम - ( वि०) १. निकम्मा । २. व्यर्थ । बेकार | ३. जिसमें किसी प्रकार की कामना न हो । निष्काम | निकामो- (वि०) १. निकम्मा । बेकार । २. खराब । ३. मन उपयोगी । ( अव्य० ) अकारण | व्यर्थं । नाहक । निका - ( ना० ) १. इस्लामी शादी । २. मुसलमान का विवाह | निकारो - ( वि० ) निकम्मा | निकाळ - ( वि०) १. निकलने की क्रिया या भाव । २. निकलने का मार्ग । निकास निष्कासन । ३. गमन । ४. उपाय । युक्ति । ५. बचाव का उपाय । ६. परिणाम | फल । निचोड़ । ७. फैसला । निबटारा । निवेड़ा । ८. बिकरी । ६. वंश का मूल । निकाळरणो - ( क्रि०) १. जाने देना । निकालना । हटाना । २.अंदर से बाहर लाना । निकूल ३. दूसरी वस्तु में मिली हुई वस्तु को अलग करना । ४. नौकरी से हटाना । ५ बेचना | खपाना । ६. हल करना । सिद्ध करना । ७. रकम जिम्मे ठहरना । ८. निभाना । ६. पार करना । १०. प्रकाशित करना । ११. प्रचलित करना । १२. बाकी निकालना | निकाळो - ( न० ) एक मयादी बुखार । श्रांत्रिक ज्वर । 1 निकास - ( न० ) १. निकाल । निष्कासन । २. माल का किसी दूसरी जगह में चालान या बिकरी । बाहर की खरीददारी । ३. वंश का मूल स्रोत । ४. माल बाहर भेजने पर लगने वाला कर निकासी - ( ना० ) १. निकलने या निकालने की क्रिया या भाव। निस्सरण । २. किसी वस्तु को एक जगह से दूसरी जगह ले जाने पर लगने वाला कर । ३. किसी वस्तु को बाहर भेजने का आज्ञापत्र | निकालने की आज्ञा । परवाना । ४. यात्रा निमित्त प्रस्थान | ५. पाणिग्रहरणार्थ कन्या के घर जाने वाली वर की सवारी के साथ प्रस्थान करने वाली बारात की शोभा यात्रा । वर की शोभा यात्रा । वर की शोभा यात्रा का निकलना । निकिरियावरो- (वि० ) जिसके घर में किरियावर ( क्रियावर) का काम न हुबा हो । उदारता व यश के कामों से रहित । निकुटरो - ( क्रि०) १. पत्थर तराशना । पत्थर पर खुदाई करना । २. पाषाण की मूर्ति तैयार करना । ३. निर्माण करना । घड़ना । निकुटी - ( न० ) १. शिला - शिल्पी । संगतराश | सिलावट । २. पाषाण की मूर्ति बनाने वाला । मूर्तिकार । (भू०क्रि० ) निर्माण की । बनाई । तराशा । तराशा दिया । निकूल - ( न० ) पास । समीप । निकट । Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir For Private and Personal Use Only

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