Book Title: Rajasthani Hindi Shabdakosh Part 01
Author(s): Badriprasad Sakariya, Bhupatiram Sakariya
Publisher: Panchshil Prakashan

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Page 687
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ( ६७० ) नामपांचम नाक-(न०) १. नाक । नासिका । २. ८. प्रमुख स्थान । इज्जत । प्राबरू । ३. स्वर्ग । ४. नाकोर-दे० नसकोर । माकाश । ५. प्रतिष्ठा या शोभा की नाखणो-दे० नांखयो । वस्तु । नाखत-(न०) नक्षत्र । तारा । ग्रह । नाक कटणो-(मुहा०) बेइज्जत होना। नाखत्र-दे० नखव। नाक काटणो-(मुहा०) बेइज्जत करना। नाखप-(वि०) अनावश्याः । नाक वढियो-(वि०) १. नाक कटा। २. नाखित-दे० नाखत । नकटी । ३. निर्लज्ज । नाखून-(न०) नख । नाक बढणो-दे० नाक कटो। नाग-(न०) १. सर्प । २. हाथी। ३. एक नाक वाढणो-दे० नाक काटयो। प्राचीन जाति । ४. पर्वत । ५. सीसा नाक में सळ घालणा-(मुहा०) १. मना नाम की एक धातु । ६. देवों की एक करना। २. घृणा करना। ३. नाराज जाति । ७. पाठ का संख्यासूचक शब्द । होना। ४. अनिच्छा प्रगट करना। नाग कन्या-(ना०) नाग जाति की कन्या । नाकाबंधी-(ना०) १. प्रवेश द्वार पर बैठाई नागकेसर-(ना०) १. एक वनस्पति । २. गई चौकी। २. नाका पर लगाई जाने कबाबचीनी। शीतलचीनी। वाले प्रवेश बंधी। ३ किसी रास्ते या नागछोर-दे० अफीम । प्रवेश द्वार में आगे बढ़ने की मनाई। नागछोळ-दे० नागछोर । नाकाबिल-(वि०)अयोग्य । नकामो। नाग-भाग-(न०) अफीम। " नाकार-(क्रि०वि०) नहीं, ना। (वि०) १. नागड़ी-(वि०)१. बदमाश । २. धूर्त(स्त्री)। निकम्मा । बिना काम का। २. कृपण। नागड़ो-(वि०) १. बदमाश । धूर्त । २. नंगा। व्यर्थ । बेकाम । (न0) नहीं का उच्चा नागण-(न०) नागिन । रण। नाकारणो-दे० नकारणो। नागरणी-दे० नागण । नाकारो-(न०) 'न' या 'नहीं' का बोध नागणेची-(ना०) राठौड़ों की कुल देवी । कराने वाला शब्द । नकार । इनकार । नागदमण-(न०) १. श्रीकृष्ण द्वारा किया (वि०) निकम्मा । अयोग्य । नकारा। जाने वाला काली नाग का दमन । २. (अव्य०) नहीं। कवि सांया झूला के एक काव्य ग्रन्थ का नाम । नाकी-(ना०) १. अंगरखी-कचुकी प्रादि में नागदहो-(न०) १. मेवाड़ में एक प्राचीन बटन डालने का नकुमा। २. प्रतिष्ठा । ऐतिहासिक स्थान । २. नागदहा गांव के इज्जत । नाम पर मेवाड़ के राणाओं की एक नाको-(न०) १. छेद । २. सुई या सुए का उपाधि । छेद । नक्का । नाका । ३. कर वसूल नागपहाड़-(न०) अजमेर के निकट आडाकरने की चौकी। ४. गांव में प्रवेश वाला (अरावली) का एक भाग जिसमें करते समय लिया जाने वाला कर। से लणी नदी निकलती है। चुगी। राहदारी । नकुमा। ५. छेह । नागपांचम-(ना०) १. नाग पूजा की भादौ अंत । ६. गली या बाजार का मोड़ या वदी पंचमी । नागपंचमी। २. नाग पूजा प्रवेश द्वार । नुक्कड़ । ७. किनारा। का एक त्योहार । For Private and Personal Use Only

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