Book Title: Rajasthani Hindi Shabdakosh Part 01
Author(s): Badriprasad Sakariya, Bhupatiram Sakariya
Publisher: Panchshil Prakashan
View full book text
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
नगोट
नजीक
नगोट-दे० निगोट।
नजरबंद-(वि०)कहीं प्रा-जा नहीं सके ऐसी नगोदर-(न०)१.विविध प्रकार के रत्नों का निगरानी में रखा हुआ। हार । २. नौ रत्नों वाला हार । ३. नजरबंदी-दे० नजरकैद । (ना०) बाजीगर पर्वत की गुफा ।
का खेल । जादूगरी। नचाड़गो- दे० नचाणो।
नजरबंधी-(ना०) जादू या हाथ की सफाई नचाणो-(क्रि०) १. नाचने में प्रवृत्त करना । से लोगों की दृष्टि में भुलावा डालने की नचाना । २. हैरान करना ।
क्रिया। नचावणो-(क्रि०) दे० नचायो । नजरबाग-(न०) मकान के आसपास का नचिंत-(वि०) निश्चित । बेफिक्र ।। बगीचा। नचितो-दे० नचित ।
नजर बैठणी-(मुहा०) १. ध्यान में पाना । नचीत-दे० नचित ।
२. समझ सकना। नचीताई-(ना०) निश्चितता । बेफिकी।
नजर लागणी-दे० नजरीजणो। नचीतापणो-दे० नचीताई ।
नजरसानी-(ना०) १. मुकदमे में पुनर्विचार नचीतो-दे० नचित ।
के लिए न्यायाधीश को दिये जाने वाला नछत्री-(वि०)१. क्षत्रिय रहित । न क्षत्री।
प्रार्थनापत्र । २. पुनर्विचार । २. शुभ नक्षत्रों वाला । नक्षत्री।
नजराणो-(ना०) १. सट्टे के व्यापार में नजर-(न०) १. दृष्टि । नजर । २. लक्ष्य । ३. दृष्टि दोष । ४. भेंट । उपहार ।
लगाया जाने वाला एक प्रकार का दांव ।
वायदे के सौदे पर लगाये जाने वाले या नजराना। ५. निगरानी । सम्हाल । ६.
खाये जाने वाले नफे नुकसान की अमुक कृपादृष्टि ।
सीमा का एक सौदा और उसकी शुल्क । नजर करणो-(मुहा०) १. भेंट धरना । २.
नजराना। २. नजर की जाने वाली दृष्टि डालना। नजरकैद-(ना०) १. एक ऐसी सजा जिसमें
वस्तु । भेंट की वस्तु । ३. उपहार ।
भेंट। कैदी को हथकड़ी-बेड़ी नहीं पहनाई जाती किन्तु एक निश्चित सीमा या स्थान से
नजरियो-(न०) नजर नहीं लगने के लिए
बच्चों के हाथ या गले में पहनायी जाने ‘बाहर नहीं जाने दिया जाता। निश्चित
वाली काली चीड़ों की सांकल अथवा सीमा में ही रहने की एक कैद । २. वह
गाल पर लगायी जाने वाली क.ली बिंदी स्थान जहां नजर कैदी रक्खा जाता है। नजरकैदी-(न०) वह व्यक्ति जिसे नजरकैद
आदि । तावीज । टोटका । डिठौना । का दण्ड दिया गया हो।
नजरीजणो-(क्रि०) दृष्टि दोष का असर नजर चूक-(ना०) १. नजर में से छूटी हुई होना।
भूल । नजर में नहीं आई हुई भूल । २. नजरोनजर-(प्रव्य०)१. आँखों के सामने । नजर चूक जाने का भाव । ३. किसी प्रत्यक्ष । २. नजर से नजर । वस्तु का नजर में नहीं माना। ४. नजर नजलो-(न०) जुकाम । . बंदी।
नजारो-दे० निजारो। नजर पहोंचणी-(मुहा०) १. देखा जाना। नजीक-(अव्य०) पास । निकट । नजदीक । २. समझ में आना।
नेड़ो।
For Private and Personal Use Only