Book Title: Rajasthani Hindi Shabdakosh Part 01
Author(s): Badriprasad Sakariya, Bhupatiram Sakariya
Publisher: Panchshil Prakashan
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धरमधक्को ( ६३९)
धरसूडो धरमधक्को-(न०) १. धर्म की सौगंद का घरमातमा-(वि०) धर्मनिष्ठ । धर्मात्मा। विश्वास दिला कर नट जाना। झांसा। धरमादा खातो-(10) कारोबार में जुल । धोखा । धर्मधक्का । २. अपना पुण्यार्थ निकाली जाने वाली रकमों का बचाव करने के लिये कही गई झूठी बात खाता । ३. मिस । बहाना । ४. व्यर्थ का फेरा। धरमादेखाते-(प्रव्य०) पुण्यार्थ । धर्मधक्का । ५. धर्म के कारण होने धरमादो-(न०) धर्मार्थ निकाला हुआ धन । वाला कष्ट।
दान । धरमधज-(न०) १. धर्मध्वज । पाखंडी। धरमाधरमी-(प्रव्य०) १. धर्म की सौगंद २. धर्माचार्य ।
से । २. धर्म-अधर्म का विचार करके । धरमधरा-(ना०) भारतवर्ष । धर्मधरा। धरमारथ-(न0) १. धर्म और अर्थ । २. धरमधुज-दे० धरमघज ।
धर्म और परोपकार का काम । धर्मार्थ । धरमधुरधर-(वि०) १. धर्म की धुरा (अन्य०) धर्म और परोपकार के लिये ।
को धारण करने वाला । २. सबसे बड़ा धरमार्थ-दे० धरमारथ । धर्मज्ञ।
धरमी-(वि०) १. धर्मात्मा । धर्मी । धरमपुरो-(न०) वह स्थान जहां गरीबों धर्मिष्ठ । २. अमुक धर्म या गुण वाला। को खाना दिया जाता है।
३. धर्म करने वाला । ४. धर्म का धरमबहन-(ना०) वह स्त्री जिसके हाथ में अनुयायी । ५. कर्तव्य पालक । (न०)
धर्म की साक्षी से धर्म सूत्र बांध कर धार्मिक व्यक्ति । बहिन का संबंध स्थापित किया गया धरमूळ-(अव्य०) आदि से। प्रारंभ से । हो।
(न०) प्रारंभ । शुरू । जड़मूल । घरमभाई-(न०) वह व्यक्ति जिसके हथ में धरमेला-(न०)भाई-भाई, बाप बेटी या
धर्म की साक्षी से धर्म सूत्र बाँध कर बहन भाई का वह संबंध जो (रक्तभाई का संबंध स्थापित किया गया हो। वंश का न होकर) धर्म की साक्षी द्वारा धरमभिष्ट-दे० धर्मभ्रष्ट ।
स्थापित किया गया हो । धर्म संबध । धरमराज-दे० धर्मराज ।
धरवजर-(न0) इंद्र । वज्रधर । धरमलाभ-(अव्य०) वंदना करने पर जैन- धरवै-(न०) धरापति । पृथ्वीपति । साधु द्वारा दिया जाने वाला (धर्म का राजा । लाभ हो इस अर्थ को सूचित करने धरसण-(वि०) व्यभिचारिणी । कुलटा । वाला) आशीर्वाद।
धरसंडो-(न०) १. बिना जुती हुई बैलधरम सरूपी-(अन्य०) १. धर्म से । २. गाड़ी के आगे के भाग को जमीन से
धर्म के अनुसार । ३.धर्म की सौगध से। ऊंचा रखने के लिये उस (आगे के भाग) धर्मस्वरूप मानकर।
में नीचे की ओर लगा हुआ डंडा । २. धरमसाला-(ना०) यात्रियों के ठहरने के बैलगाड़ी के आगे का लंबा लकड़ा । लिये धर्मार्थ बनवाया हुमा मकान । चोंच । ऊंटड़ो। धर्मशाला । सराय।
धर-सधर-(न०) पर्वत। धरमंडण-(न०) १. वर्षा । २. बादल। धरसुता-(ना०) सीता। जानकी । ३. इन्द्र । ४. राजा।
धरसूडो-दे० धरसंडो।
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