Book Title: Rajasthani Hindi Shabdakosh Part 01
Author(s): Badriprasad Sakariya, Bhupatiram Sakariya
Publisher: Panchshil Prakashan
View full book text
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
धर्मभ्रष्ट ( १४१ )
पसलो धर्मभ्रष्ट-(वि०) धर्म से पतित । धव-(न०)१. पति । स्वामी । २. धव वृक्ष । धर्मयुद्ध-दे० धरमजुध ।
धावड़ो। धर्मराज-(न०) १. यमराज । २. युधिष्ठिर। धवडाणो-दे० धवड़ावणो ।
३.वह राज्य जिसमें सर्वत्र धर्म का पालन धवड़ावरणो-(क्रि०) स्तनपान कराना। होता हो । ४. प्रामाणिक राज्य । धवड़ी-(ना०) १. पत्नी। २. वीरांगना । धर्मराज्य ।
धवराड़णो-दे० धवाड़णो। धर्मलाभ-(न०) श्रावक के वंदना करने पर । धवळ-(न०) १. बैळ । २. हंस । ३. घर ।
जैन साधु की ओर से दिया जाने वाला महल । ४.एक डिंगल छंद । ५. स्वागत । आशीर्वाद ।
सम्मान । ६.मंगलगीत । ७.एक रागिनी । धर्मवीर-(न०) धर्म के लिये प्राण न्यो- (वि०) १. धवल । श्वेत । घोळो । २.
छावर करने वाला वीर पुरुष । शहीद । उज्वल । ऊजळो । । ३.सुन्दर । ४.वीर । धर्मशाला-दे० धरमसाळा ।
धवळगिर-(वि०) १. हिमालय पर्वत । २. धर्मशास्त्र-(न०) १. धर्म का ज्ञान कराने कैलाश पर्वत । ३. मारवाड़ में जसवंतपुरा
वाला शास्त्र । २. धर्म विशेष के प्रमाण के पहाड़ का एक नाम । सूदो भाखर । ग्रंथ । ३. वह मथ जिसमें समाज के धवळ मंगळ-(न०) १. मांगलिक अवसरों शासन के लिये नीति तथा सदाचार से संबंधित गीत । मांगलिक गीत । २. संबंधी नियम लिखे हुये हों। ४. किसी उत्सव । समारोह। ३. देवालयों में की धर्म विशेष की निजी विधि । ५. धर्म जाने वाली प्रातःकाल की प्रारती । मंगल या संप्रदाय के सिद्धान्तों, क्रिया-काण्डों आरती । ४. मंगल आरती के समय गाये
इत्यादि के ग्रोथ । ६.वेद, पुराण इत्यादि। जाने वाले पद या भजन । धर्मसंकट-(न०) वह कठिन प्रसंग जिसमें धवळहर-(न०) १. मकान । महल ।
धर्म अधर्म की सूझ न पड़े । २. ऐसी प्रासाद । धवलगृह । २. ऊंचा और श्वेत स्थिति जिसमें दोनों पक्ष संकट का महल । धौळहर । अनुभव करें।
धवळंग-(न०) १. हस । २.भवन । महल । धर्माचार्य-(न०) १. धर्मगुरु । २. संप्रदाय प्रासाद । का आचार्य ।
धवळा-(ना०) १. पार्वती। २. देवी। धर्मात्मा-(वि०) धर्मनिष्ठ । धर्मानुसार महामाया । शक्ति । ३. गाय । ४. श्वेत
आचरण करने वाला । २. पुण्यवान ।। गाय । धोळी । धर्मादो-(न०) दान । घरमादो। धवळागिर-दे० धवळगिर । धर्मानुकूल-(वि०) धर्म सम्मत । धवळो-(न०) बैल । बळद । (वि०) धौला। धर्मार्थ-दे० घरमारथ ।
___ सफेद । धोळो। धर्मिष्ठ-(वि०) धर्मानुसार प्राचरण करने धवा-(ना०) देवी । शक्ति । वाला।
धवाड़णो-(क्रि०) स्तनपान कराना । धर्मी-(वि०) धर्मिष्ठ । विशिष्ट गुण-धर्म से धवाणो-दे० धवाड़णो । युक्त।
धवावरणो-दे० धवाड़णो। धरयाँ-(अव्य०) धरने से । रखने से। रखने धसकणो-(क्रि०) १. धंसना । २ दहलना। पर।
धसणो-(क्रि०) १. भीड़ में घुसना । बलात्
For Private and Personal Use Only