Book Title: Rajasthani Hindi Shabdakosh Part 01
Author(s): Badriprasad Sakariya, Bhupatiram Sakariya
Publisher: Panchshil Prakashan
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दाद फरियाद ( ६०४ )
दानी-मानी दाद-फरियाद-(ना०,१. सुनवाई । पुकार। दादोजी-(न०) दादा (मानार्थक) ।
२. शिकायत । फरियाद । ३. न्याय। दादोसा-दे० दादोजी। इन्साफ।
दाध-(ना०) १. द्वष । २. शत्रुता । ३. दादर-(न०) १. एक पक्षी। २. मेंढक ।
जलन । दादुर । ३.बादल । ४.पहाड़ । ५. जीना। दाधारीगो-(वि०) १. आलसी। २. बिना सीढ़ी । ६. एक वाद्य यंत्र ।
ढंग का । ३. पागल । मूर्ख । ४. असभ्य । दादरो-(न०) १. संगीत का एक ताल । दाधीच-(न०) दधीचि ऋषि का वशज ।
२.गाने की एक तर्ज । एक राग । दादरा। दान-(न०) १. श्रद्धापूर्वक धर्मबुद्धि से ३. सीढ़ी।
पुण्यार्थ किसी को दी जाने वाली कोई दादागुरु-(न०) गुरु का गुरु ।
वस्तु । २. धर्म की दृष्टि से या दयावश दादारगो-(न०) १. नानाणो ( ननिहाल )
किसी को कोई वस्तु बिना मूल्य लिये देने शब्द के साम्य पर प्रयुक्त किया जाने ।
की क्रिया । दान । खैरात । ३. हाथी का वाला दादा, पिता तथा दादा के पौत्र
मद । ४. खेल में प्राप्त होने वाला दांव । का घर । २. खुद का घर । स्वगृह । ३.
बारी । पारी । (प्रत्य०) किसी संज्ञा शब्द
के आगे रखने वाला, धारण करने वाला जिनके घर में जन्म लिया है वे पिता,
या जानने वाला अर्थ को सूचित करने दादा आदि कुंटुबीजन । दादा का
वाला प्रत्यय शब्द । उदा. कलमदान । परिवार । ४. पीहर ।
पीकदान । दादाभाई-(न०) बड़ा भाई । दादा। दानखो-(न0) दीवानखाना । बैठक । दादारीगो-(वि०) १. सुस्त । ढीला । २. दानगुरु-(न०) १. बड़ा दानी। दानवीर ।
अकर्मण्य । ३. निर्बुद्धि । बेसमझ। दानश्वरी । दादी-(ना०) पिता की माता । पितामही। दानत-(ना०) मनोवृत्ति । मन की अवस्था। दादीजी-(ना०) १. दादो । पितामही मनस्थिति । (मानार्थक) २. दादी सास ।
दान-दिखणा-(ना०) दान और दक्षिणा । दादी मा-दे० दादी । (मानार्थक) ।। दान की वस्तु । २. दान । दादी-सा-दे० दादीजी।
दानधर्म-(न०) दान करने का धर्म । दादी-सासू-(ना०) सास की सास । ददिया
दानव-(न०) राक्षस । वारणव । राखस । सास ।
दानवीर-(न०) बहुत बड़ा दानी। दानेश्वर । दादी सुसरो-(न०) ददिया ससुर ।
दानेसरी। दादूजी-(न०) दादूपंथ के प्रवर्तक दादूदयाल
दानाई-(ना०) १. बुद्धिमानी । २. विवेक। (या दादूजी) नाम के एक संत । इनका ३. भलमनसाई । ४. प्रामाणिकता । निवास स्थान जयपुर जिले के नराणा ईमानदारी । ५. बुढ़ापा । गाँव में था और वहीं इनका देहान्त दानापरणो-दे० दानाई। हुप्रा था।
दानी-(वि०) दान देने वाला। दानी । दादपंथी-(वि०) संत दादूजी के चलाये हुये उदार। (प्रत्य०) शब्द के मागे प्राने पथ का अनुयायी।
वाला प्रत्यय । जैसे पीकदानी। दादो-(न०) पिता का पिता। पितामह । दानी-जानी-(वि०) दान देकर सम्मान करने
वाला । २. बड़ादानी।
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