Book Title: Rajasthani Hindi Shabdakosh Part 01
Author(s): Badriprasad Sakariya, Bhupatiram Sakariya
Publisher: Panchshil Prakashan
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दानाघिसी (10)
दिग्विजय दांताघिसी-दे० दाताकसी।
दिखणाद-(ना०) दक्षिण दिशा। (अव्य०) दाँती-(न०) १. हाथीदांत. नारेली प्रादि की दक्षिण दिशा में।
चूड़ियाँ बनाने वाला व्यक्ति । चूड़ीगर। दिखराादी-(वि०) दक्षिण की ओर का । चीरवियो। २. हाथीदांत की चूड़ियों का दक्षिणी । २. दक्षिणी । दक्षिण देश का। व्यवसाय करने वाला व्यक्ति । ३. माथे दिखरणादू-(वि०) दक्षिण दिशा का । के बालों में उत्पन्न गएँ और लीखों को (क्रि०वि०) दक्षिण में । निकालने के लिये कंघी के दांतों का धागे दिखणादो-दे० दिखणादी । से बांधने की क्रिया । ४. किसान का एक दिखगी-(वि०) १. दक्षिण का। दक्षिण औजार ।
संबंधी । दक्षिणी । २. दक्षिण देश का दाँतूर-दे० दाँतोर ।
निवासी । महाराष्ट्रीय । दक्षिणी । (ना०) दांतूसळ-(न०) १. हाथी का दाँत । २. दक्षिणी भाषा | मराठी भाषा ।
ऊपर नीचे के दांतों के परस्पर भिड जाने दिखणी-चीर-(न०) एक प्रकार का मूल्यका एक रोग । दांतोर । मुंह और दांत वान । प्रोढ़ना । दक्षिणी चीर । बंद हो जाने का एक रोग।
दिखाऊ-(वि०) १. जो केवल देखने भर का दांतो-(न०) प्रारी आदि का दाँत । दाँता। हो । २. बनावटी । ऊप
हो। २. बनावटी। ऊपरी । प्राडंबरी । दाँतोर-(न०) दांतों का एक रोग जिसमें
__ दिखावटी । ३. कृत्रिम । नकली बनावटी। ऊपर नीचे के दाँत परस्पर मजबूती से
दिखाणो-दे० देखावणो ।
दिखाव-दे० देखाव । भिड़ जाते हैं।
दिखावट-(ना०) १. देखा जा सके वह । दाँयर-(ना०) प्रकार । तरह ।
२. बनावट । ३. ढोंग । प्राडम्बर । दाँवण-(ना०) खाट की बुनन में पायताने
दिखावटी-दे० दिखाऊ। की अोर बुनन और उपले में लगी रहने
दिखावड़ो-दे० देखावड़ो। वाली रस्सी। चारपाई के पैताने की
दिखावरगो-दे० देवावरणो। रस्सी । वदामण । विदावरण ।
दिखावो-(न०) १. ऊपरी तड़क भड़क । दाँवणो दे० दामणो।
आडंबर । २. दृश्य । ३. पाखंड । दिप्रग-दे० दियण।
दिख्या-दे० दीक्षा। दिक-(वि०) हैरान । तंग । (ना०) दिशा।
दिग-(ना०) दिशा । (न०) क्षय रोग।
दिगमुढ़-(वि०) दिग्मूढ़ । चकित । छक । दिक्कत-(ना.) १. मुश्किली। कठिनाई।
दिगंवर-(वि०) १. नंगा । अवस्त्र । (न0) हरकत । २. हैरानी । परेशानी ।
१. एक जैन संप्रदाय । २. नंगा रहने दिख-(न०) १. दक्षिण दिशा । २.दक्षिण वाला दिगम्बर का साधु । ३. महादेव ।
में स्थित देश । दक्खिन । दखन । ४. सिद्ध महात्मा ।
३. मारवाड़ का दक्षिण प्रदेश । दिग्ध-(वि०) दीर्घ । डीघो। दिखणाण-(न०) १. दक्षिण दिशा । २. दिग्विजय-(ना०) देश देशान्तरों को
दक्षिण देश। ३. दक्षिणायन । (वि०) जीतना। सभी दिशाओं में की जाने १. दक्षिण दिशा का। २. दाहिनी ओर वाली विजय । चारों दिशाओं में की का ।
जाने वाली जीत ।
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