Book Title: Rajasthani Hindi Shabdakosh Part 01
Author(s): Badriprasad Sakariya, Bhupatiram Sakariya
Publisher: Panchshil Prakashan
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। ६०७)
दांताकसी दावाग्नि-दे० दावानळ ।
दाहकर्म-दे० दाहक्रिया। दावानळ-(न०) जंगल में लगने वाली दाह क्रिया-(ना०) शव का अग्नि संस्कार ।
अग्नि । २. वन की ग्राग जो बाँस आदि दाहणो-(वि०) दाहिना । दाँया । (क्रि०) के रगड़ खाने से स्वत: लग जाती है। १. जलना । २. संताप होना । दव । दावो।
दाह संस्कार-(न०) शव संस्कार । अंत्येष्टी दावायत-दे० दावागीर ।।
क्रिया। शव को अग्नि से जलाने का एक दावै-(प्रव्य०) १. कारण। निमित्त । २. धार्मिक संस्कार । अग्नि संस्कार ।
बदले में । प्रतिशोध के लिये । २. तरह। दाहो-(न०) १. जलन । ताप । २. संताप । (अव्य०) (दाय + प्रावै) १. जैसे पसंद बळतरा । ३. अति शीत से फसल, वृक्ष हो । २. जैसा पसंद हो।
आदि का सूखजाना या जलजाना । शीत दावो-(न०) १. अधिकार । कब्जा। २.
दाह । (वि०) बिना ठंड लगे आगे वाला स्वत्व । हक । मालिकी। ३. मुकदमा। (ज्वर) । अभियोग । दावा । ४. प्रमाण । पुरस्सर दाहोतर सो-(न०) पहाड़े में बोला जाने कथन । ५. प्रतिशोध । प्रतिकार । ६. वाला एक सौ दस (११०) का अंक । गाक्ति । ७ शत्रुता । ८. युद्ध । ६. दृढ़ दाहातरी-(न०) दसवाँ वर्ष । आत्मविश्वास । १०. अति ठंडी से फसल दाहो ताव-(न०) ठंडी नहीं लग कर पाने आदि का जल जाना। शीनदाह । १०. वाला ज्वर । दाह-ज्वर । गरम बुखार । दावानल । दावाग्नि ।
दाहो-(न०) अधिक शीत के कारण फसल, दावोतर सो-दे० दाहोतर सो।
वृक्ष आदि का सूख जाना या जल जाना। दावोतरो-दे० दाहोतरो।
शीतदाह । दास-(न०) १. सेवक । दास। २. एक दाँ-(न०) १. दावें । २. प्रकार । तरह ।
प्रत्यय जो पुरुष नामों के अंत में लगता (अव्य०) १. दें। देवें । दे दें। २. देते है। है। जैसे · रामदास ।
दाँई-(ना०) १. वयस्क। २. अवस्था । दासपगो-(न०) दासपन । गुलामी । उम्र । ३. प्रकार । तरह। ४. बार । दासता । दासत्व ।
मरतबा । दफा। दासरथी-(न०) दशरथ के पुत्र श्रीराम । दाँडिया-रास-दे० डांडिया रास । दाशरथि ।
दाँडियो-दे० डांडियो। दासातन-(न0) दासत्व । दासता। दाँडी-दे० डाँडी। दासी-(ना०) सेविका । नौकरानी । दासी। दाँडो-दे० डाँडो । दासेर-(न०) ऊंट
दाँत-(न०) १. दंत । दाँत । दशन । २. दासे रक-(न०) ऊंट।
दांता । ३. हाथीदांत । दासो-(न०) १. द्वार के नीचे का चपटा दाँतड़ियाळ-(न०) १. सूअर । २. हाथी ।
पत्थर । २. बिल्ली की विष्टा । (जैस.) दाँतलो-(वि०) १. बड़े दाँतों वाला। २. फड़ियो।
जिमके दांत होठों से बाहर निकले हुए हों। दाह-(ना०) १. जलन । ताप । बळतर। दाँत वसन-(न०) होंठ ।
२. मृतक का दाह संस्कार । २. डाह । दाँताकसी-(ना०) कलह । झगड़ा । २ ईर्ष्या । (वि०) भस्मित् । भस्मात् । बोलचाल । विवाद ।
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