Book Title: Rajasthani Hindi Shabdakosh Part 01
Author(s): Badriprasad Sakariya, Bhupatiram Sakariya
Publisher: Panchshil Prakashan
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चमकणो ( ३६१ )
चमूपत चमकणो-(क्रि०) १. चमकना । प्रकाशित चमतकारी-(वि०) १. चमत्कार दिखाने होना । २. प्रतिभा का प्रकाश में आना । वाला। चमत्कारी। २. जिसमें कोई ३. ऐश्वर्य बढ़ना। ४. कीर्ति पाना । ५. चमत्कार हो । ३. उन्नति करने वाला। चौंकना । ६. डरना । ७. संदेह करना। भाग्यशाली । ४. सिद्धिवान । ८. संदेह होना।
चमत्कार-दे० चमतकार । चमकदार-(वि०) चमकीला ।
चमत्कारिक-दे० चमतकारी । चमकाणो-दे० चमकावणो ।
चमन-(न०) १. फुलवाड़ी। २. बगीचा । चमकारो-(न०) १. चमक । प्रकाश। ३. मौज । २. चमत्कार।
चमर-दे० चंवर । चमकावणो-(क्रि०) १. चमकाना । चम- चमरख-(न०) सुराख वाले मोटे चमड़े की
चमाना। २. उज्वल करना । ३. चौंकाना। एक चकती जिसमें होकर चरखे का तकला ४. डराना । ५. कीर्ति फैलाना ।
फिरता रहता है । चमरखो। चमकीलो-(वि०) चमक वाला। प्रकाश चमरखो-दे० चमरख । वाला।
चमर ढोळणो-(मुहा०) किसी देवता पर चमगादड़-(ना०) चूहे से मिलती सूरत का चमर फिराना ।
उड़ने वाला एक जंतु, जिसे दिन में नहीं चमरबंद-(न०) १. राजा । २. शूरवीर । दिखने से पैरों के बल औंधा टॅगा रहता चमराळो-(न०) मुसलमान । (वि०) १.
है और रात में उड़ता है । चमचेड़। वह जिसके ऊपर चँवर ढुलता हो । चमचम-(ना०) जलन । चमचमाहट । चँवरबंद । २. चंवर फिराने वाला।
चरचराट.। (न०) एक मिठाई । खोए चमरी-दे० चंवरी। की एक बीकानेरी मिठाई । (वि०) तेज चमार-(न०) १. जूता बनाने वाला व्यक्ति । युक्त।
मोची । २. जूता गांठने वाली जाति का चमचाटक-दे० चमगादड़ ।
व्यक्ति । चर्मकार । चमची-(ना०) छोटा चम्मच ।
चमारण-दे० चमारी। चमचेड़-दे० चमगादड़।
चमारी- ना०) चमार जाति की स्त्री । चमचो-(न०) चम्मच।
मोचरण । चम-जू-(ना०) १. उपस्थ के बालों में चमाळियो-दे० चैवाळियो ।
उत्पन्न होकर चमड़े से चिपटी हुई रहने चमाळीस-(वि०) चालीस और चार । वाली एक प्रकार की जू। चर्म-यूका। चँवालीस । (न०) चवालीस की संख्या ।
२. पशुपों के बालों में होने वाली जू। "४४" । चमड़पोस-(न०) वह हुक्का जिसका जल- चमाळीसो-(न०) चवालीसवाँ सम्वत् । __ पात्र चमड़े का होता है।
चमीर-(न०) सुवर्ण । सोना । चामीकर । चमड़ी-(ना०) चमड़ी । त्वचा । चामड़ी। सोनो। चमड़ो-(न०) चमड़ा । खाल । चामड़ो। चमीरळ-(न०) सोना । सुवर्ण । (वि०) चमतकार-(न०) १. करामात । चमत्कार। सुवर्ण निर्मित ।
२. विस्मय । पाश्चर्य । ३. अलौकिक चमू-(ना०) सेना । क्रिया।
चमूपत-(न०) चमूपति । सेनापति ।
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