Book Title: Rajasthani Hindi Shabdakosh Part 01
Author(s): Badriprasad Sakariya, Bhupatiram Sakariya
Publisher: Panchshil Prakashan
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( १ ) जगत्र-(न०) १. जगत । संसार । २. जग. जगभाळरण-(ना०) १. प्रख । नेत्र ।
त्रय । त्रिलोक । ३. यज्ञ । ४. यज्ञमंडप । २. सूर्य । जगदंबा-(ना.) १. जगज्जननी। जगत जगमग-(न०) प्रकाश । चमक । (वि०)
की माता । २. महामाया । ३. दुर्गा ।। प्रकाशमान । चमकीला । जगदाधार-(न०) ईश्वर ।
जगमगरगो-(क्रि०) चमकना । जगमगना। जग-दिवलो-(न०) सूर्य ।
जगमगाट-(ना0) चमक । जगमगाहट । जगदीश-(न०) ईश्वर ।
जगमिण-(न0) जगद्मणि । सूर्य । जगदीश्वर-(न०) परमात्मा । परमेश्वर । जगमोहन-(न०) १. ईश्वर । २. देवमंदिर जगदीश्वरी-(ना०) १. महामाया। जग- में गर्भगृह के सामने का स्थान । दीश्वरी । २. दुर्गा ।।
जगर-(न०) १. कवच । २. अधिकार । जगदीस-(10) जगदीश । ईश्वर ।
वश। जगदीसर-दे० जगदीस।
जगरै प्रावणो-(मुहा०) घोड़ी का ऋतु में जगदीसरी-(ना०) जगदीश्वरी। दुर्गा ।।
प्रामा । घोड़ी को कामेच्छा होना । जाग . महामाया।
में प्राणो । जगदुप्राळ-(न०) १. जगड्वाल । व्यर्थ का
जगरो-(न०) १. शीघ्र जल उठने वाली आडम्बर । २. माया । संसार का प्रपंच।
पतली टहनियों और घास आदि की जगधरणी-दे० जगदीस ।
छोटी राणि । शीत मिटाने के उद्देश्य से जगन-(न०) १. यज्ञ । २. महाभोज । ब्रह्म
जलाने के निमित्त इस प्रकार का इकट्ठा भोज । ३. बड़ा काम । कीत्ति काम ।।
किया हुआ कचरा । तृणपुज । २. घोड़ी जगनाथ-(न०) १. जगन्नाथ । परमेश्वर ।
का ऋतु समय । घोड़ी की कामेच्छा । २. उड़ीसा की जगन्नाथपुरी का श्रीकृष्ण
जाग। का अपूर्ण दारु-विग्रह । श्री जगन्नाथपुरी
जगवंद-(न०)१. जगवंदनीय । २. परमात्मा। की श्रीकृष्ण (सुभद्रा और बलभद्र के ।
जगवंदण-दे० जगवंद । साथ) की अर्धपूर्ण (असंपूर्ण) काष्ठमूर्ति।
जगवासग-(न०) १. जगत को बसाने वाला ३. चार दिशाओं के चार धामों में पूर्व
व पोषण करने वाला ईश्वर । २. जो दिशा का जगन्नाथ धाम । जशदीशपुरी ।
जगत में व्यापक है वह । ३. जिसके जगनाथी-(ना०) १. एक वस्त्र । २. एक ।
अंदर जगत बसा हुआ है वह । परमात्मा। जलपात्र।
परब्रह्म। जगनामो-(न०) १. सत्कों द्वारा संसार
जगवै-(न०) जगपति । ईश्वर । में रह जाने वाला अमर नाम । २. जग
जगसाखी-(न०) सूर्य । जगत्साक्षी । यश । जगकीर्ति । ३. जगप्रसिद्धि । विश्वख्याति ।
जगहथ-(न0) समस्त जगत को विजय कर जगनण-(न०) सूर्य ।
अपने हाथ (अधिकार) में करने का जगन्नाथ-दे० जगनाथ ।
काम । जगद्विजय । दिग्विजय । जगपड़-(न०) १. पृथ्वीतल । जगतीतल। जगा-(ना०) १. स्थान । स्थल । जगह । २. पृथ्वी। जमीन ।
२. खाली स्थान । ३. मकान । ४. जगप्राण-दे० जगतप्राण ।
नौकरी । ५. पद । ओहदा ।
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