Book Title: Rajasthani Hindi Shabdakosh Part 01
Author(s): Badriprasad Sakariya, Bhupatiram Sakariya
Publisher: Panchshil Prakashan
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( ५६६ )
मड़ाराय
तेमड़ाराय - ( ना० ) चारणों की प्रावड़देवी । आवड़ देवी का एक नाम । तेयो - ( न०) मृतक का तीसरा । मृतक के तीसरे दिन की क्रिया । तोयो । तोसरो । तेरस - ( ना० ) पक्ष का तेरहवाँ दिन । तेरहवीं तिथि । त्रयोदशी ।
तेरह - (वि०) दस और तीन । ( न० ) तेरह की संख्या । ' १३ '
तेरह ताळी - ( ना० ) १. एक ही व्यक्ति के द्वारा तेरह मंजीरे एक साथ बजाने की कला । २. एक नृत्य ।
तेरह पंथ- दे० तेरा पंथ । तेरह पंथी- दे० तेरापंथी 'तेरह बीसी - (वि०) तेरह बार बीस । दोयसो साठ । तेराक - दे० तेरू |
तेरापंथ - (न०) बाईस टोला ( स्थानकवासी) जैन सम्प्रदाय से अलग होकर तेरह साधुत्रों के द्वारा प्रवर्तित एक श्वेताम्बर जैन सम्प्रदाय । तेरहपंथ । इसके प्रथम आचार्य भिक्खुगर थे ।
तेरापंथी - (वि०) तेरहपंथ संप्रदाय का अनु
यायी । तेरह पंथी ।
तेरायल - ( वि०) १. वर्णसंकर । दोगला |
२. महानालायक । ३. दुराचारी । व्यभिचारी । ( न०) एक गाली । राळ - ( वि०) १. कुलटा । व्यभिचारिणी । दुराचारिणी । २. दुराचारी । दे० तेरायल ।
तेरी दे० थारी ।
तेरीख - ( ना० ) १. व्याज की दर । २. व्याज गिनने का दिन । व्याज लगाने का दिन । ३. व्याज के दिनों का नाम । ४. तारीख । मिती ।
तेरू - (वि०) तैरने वाला । तिरने वाला । तैराक । कुशल तैराकं । तेरू'डो–(न०) १. मकर सक्रान्ति को तेरह
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तेळास
कन्यात्रों को एक ही प्रकार की वस्तु भेंट देकर मनाया जाने वाला स्त्रियों का एक व्रतोद्यापन पर्व । २. तेरू डे में दी जाने
वाली वस्तु । ३. तेरू डे का भोजन । तेरो - ( सर्व०) तेरा । थारो । थाको । तेल - ( न०) १. तिल, सरसों प्रादि तिलहन को पेल कर निकाला जाने वाला स्निग्ध तरल पदार्थ । वह स्निग्ध पदार्थ जो बीजों में से निकाला जाता है । २. जलाने के काम आने वाला एक खनिज पदार्थ | घास तेल | केरोसीन ।
तेल चढणो- ( मुहा० ) विवाह की एक प्रथा जिसमें पाणिग्रहण के कुछ दिन पूर्व वर और कन्या के हलदी मिला तेल चढ़ाया जाता है ।
तेल चढियो- (वि०) तेल चढा हुआ (वर) | तेल चढी - ( ना० ) वर या कन्या के तेल चढाने का उत्सव | (वि०) तेल चढी हुई (कन्या) |
तेल चढ्यो- दे० तेल चढियो ।
तेलड़ी - (वि०) १. तीन लड़ियों वाली । २. तीन परतों वाली । ( ना० ) १. दीपक में तेल डालने का तेल पात्र । तिलोड़ी । २. स्त्रियों का एक श्राभूषरण । लड़ो- (वि०) १. तीन लड़ियों वाला । २. तीन परतों वाला ।
तेलरण - ( ना० ) १. तेली की स्त्री । २. तेली जाति की स्त्री ।
तेल फुलेल - (०) सुगन्धित तेल और इत्र । तेळा - ( न०ब०व०) १. ऊँट के ऊपर की जाने
वाली तीन जनों की सवारी । २. तीन दिन का उपवास ।
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तेळायो- (वि०) जिस पर तीन जनों की सवारी की गई हो (ऊंट) तेळास - (ना० ) ऊँट के ऊपर जाने वाली तीन जमों
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एक साथ की सवारी |