Book Title: Rajasthani Hindi Shabdakosh Part 01
Author(s): Badriprasad Sakariya, Bhupatiram Sakariya
Publisher: Panchshil Prakashan
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ततकं
तोतक - दे० तोत ( न०) 1 तोड़ो-दे० तोतलो । तोतलो - दे० तोतळो ।
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( ५७० )
तो तळो- (वि०) जो तुतला कर बोलता हो । तुतळा । तोतला ।
तोतो- (वि०) तुतला। (न०) तोता । सुप्रा । सुग्गा ।
तो थी - दे० तो सूं । तो नू - ( सर्व०) तुझे । तेरे को । तोप - ( ना० ) एक बड़ा आग्नेयास्त्र । तोप । तोपखानो - ( न० ) वह मकान जहाँ तोपें
रखी रहती हैं । तोपखाना | तोपची - ( न०) तोप दागने वाला । तो - परण - ( अव्य०) १. फिर भी । तथापि । २. ऐसा होने पर भी । ३. ऐसा करते हुए भी ।
तोफान - (०) १. उपद्रव । उत्पात । हलचल । २. दंगा फसाद । ३. झगड़ा । लड़ाई । ४. वायु-वेग | आँधी । ५ तूफान । बाढ़ |
तोफानी - ( वि०) १. उत्पाती । उपद्रवी ।
२. तोफानवाला । तोफान से संबंधित | तोब - (०) १. शब्द | आवाज । २. तोबा । ३. तोबड़ा ।
तो बड़ो - ( न० ) १. चमड़े या टाट का एक
थेला जिसमें दाना भर कर घोड़े को खिलाने के लिये उसके मुँह पर बाँध देते हैं । तोबड़ा । २. क्रोध से बिगड़ा हुआ
मुँह । रीस के मारे फूला हुआ मुँह । तोबर - ( वि० ) १. वीर । २. मजबूत । ( न० ) तोबड़ा |
तोबराळ - ( न० ) घोड़ा । तोबा - ( नं०) १. प्रायश्चित सूचक शब्द | पश्चाताप । २. भविष्य में अनुचित काम न करने की प्रतिज्ञा । परेशानी ।
३. हैरानी ।
तोरण
तोम - ( न०) १. यज्ञ । स्तोम । २. प्रार्थना । ३. स्तुति ।
तोमर - ( न० ) १. एक शस्त्र । २. एक छंद । ३. क्षत्रियों की एक उपजाति ।
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तोय - ( न० ) पानी | ( अव्य० ) तब भी । फिर भी । तथापि । तोयचो- दे० तोइचो | तोयद - ( न० ) १. बादल । २. घृत । तोरड़ो-दे० टोरड़ो |
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तोरण - ( न०) १. द्वार । २. मेहराबदार द्वार । ३. किसी उत्सव पर अस्थायी रूप से बनाया हुआ द्वार । ४. परिकर । मूर्ति के आजू बाजू की विशेष प्रकार की मेहराब, जिसमें उस मूर्ति से संबंधित छोटी छोटी मूर्तियाँ आदि अंकित की हुई होती हैं । ५. लाल रंग से रंगा हुआ लकड़ी का एक मेहराबदार विशिष्ट प्रकार का छोटा तोरण, जो विवाह के समय मुख्य द्वार पर लगाया जाता है, जिसको वंदन श्रादि विधियों का संपादन करके दुल्हा पाणिग्रहण के लिये घर में प्रवेश करने पाता है । द्वार तथा तोरण का प्रतीक । ६. वन्दनवार । तोरण -घोड़ो - ( न०) १. दूल्हे का घोड़े पर चढ़ कर तोरण वंदन करने का एक जागीरी लाग । २. घोड़े सवार दूल्हे का तोरण वंदन करने की एक प्रथा । ३. तोरण वंदन का एक नेग । तोरण वांदणो- ( मुहा० ) दुलहे का पारिण
ग्रहण करने के लिये ससुर के घर में प्रवेश करने के पूर्व द्वार पर लगे तोरण वंदन की प्रथा का संपादन करना । तोररिण - ( न० ) श्राग्नेय ( श्राग्नेयी) और दक्षिण (निवास) दिशा के बीच की रूपाराम दिशा का एक पर्याय | सोलह दिशाओं में की एक दिशा । कपारास ।
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