Book Title: Rajasthani Hindi Shabdakosh Part 01
Author(s): Badriprasad Sakariya, Bhupatiram Sakariya
Publisher: Panchshil Prakashan
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टरकायोड़ो
टहटहणो
टरकायोड़ो-(भू०काकृ०) टरकाया हुअा। हट । २. हिलने डुलने व इधर उधर होने टरकावणो-(क्रि०) बहाना बनाना । टर- की क्रिया । ३. हलन-चलन । रेंगना । __ काना । टालना।
टळावरणो-(क्रि०) १. चुनवाना। २. अलग टरकियोड़ो-(भू०का०कृ०) टरका हुआ। करवाना। छाँट छाँट कर अलग करटरटराणो-(क्रि०) मेंढक का बोलना। वाना । ३. पंक्ति से बाहर करवाना । टरड़-(ना०) घमंड । अभिमान । टळियोड़ी-(वि०) १. बहिष्कृत। जाति टरड़को-(न०) १. नाराजी । २. अधोवायु च्युत । टली हुई । २. ऋतुमती । ३. दूध __ का शब्द ।
देना बंद की हुई (गाय, भैंस आदि)। ४. टरड़पंच-दे० अड़वड़ पंच।
दूरस्थित । ५. खिसकी हुई। हटी हुई । टरवाटो-(न०) १. व्यर्थ बोलते रहना। ६. बची हुई। .
बकझक । २. किसी वस्तु की बार बार टळियोड़ो-(वि०) १. बहिष्कृत । जातिमांग करते रहना। बार बार की जाने च्युत । टला हुआ । २. दूरस्थित । ३. वाली मांग।
खिसका हुआ। हटा हुआ। ४. बचा टरणो-दे० टिरणो।
हुमा। टळटळणो-(क्रि०) १. धूजना । काँपना। टल्लो-(न०) १. धक्का । टक्कर । टिल्लो । २. हिलना।
टिल्ला । २. प्राघात । चोट । टळगो-(क्रि०) १. टलना । दूर होना । २. टवकार-दे० टोकार ।
अन्यथा होना । ३.किसी वस्तु का स्थाना. टवणो-(क्रि०) प्रहार करना । न्तर होना । खिसकना । हटना । ४.समय टवर्ग-(न०) ट, ठ, ड, ढ, रण-राजस्थानी बीतना। ५. पंक्ति व समाज से बहिष्कृत भाषा के इन पाँच व्यंजन वर्णों का वर्ग । होना। ६. गाय भैस आदि का दूध देना टसक-(ना०) १. टीस । २. अकड़। ३. बंद होना । ७.फिर जाना । मुकरना । ८. अभिमान । बचना । उबरना । ६. अतिक्रमण होना। टसकणो (क्रि०)१. बसकना। टीस मारना।
उल्लंघन होना। १०. स्थगित होना । टसकना। करहाना। २. खिसकना । टळतर-(वि०)१. टला हुआ। पंक्ति बाहर। सरकना ।
बहिष्कृत । २. बिना काम का। जो टसकाई-दे० टसक । छाँट कर अलग कर दिया गया हो। ३. टसको-(न०)१. रोने की बसक । २. टीस । बिना चलन का । खोटा।
__ कसक। ३. गर्व । ऐंठ । ४. सूखी खांसी। टळवळरणो-(क्रि०) ५. बीमारी या पीड़ा टसर-(न0) एक प्रकार का सूत वा खससे
के कारण सोते हुये इधर उधर होना। बुना हुआ कपड़ा। २. पीड़ा से तड़फड़ाना। छटपटाना। टसरियो-(न०) १. अफीम रखने की एक तड़फड़ना । ३. नींद में करवटें बदलना। छोटी जेबी डिबिया । हडियो। २. एक ४.लालायित होना । खाने को ललचाना। अौजार । ५.मक्खी, जू आदि का बदन पर चलना टहकारो-(न०) दुख या पीड़ा की आवाज । व रेंगना । ६. धीरे धीरे हिलना। ७. टैंकारो। हिलना डुलना।
टहको-दे० सहकारो। टळवळाट-(ना०) १. बीमारी की घबरा- टहटहणो-(क्रि०) वाद्य का बजना।
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