Book Title: Rajasthani Hindi Shabdakosh Part 01
Author(s): Badriprasad Sakariya, Bhupatiram Sakariya
Publisher: Panchshil Prakashan
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डोरणो ( ५२० )
डोलची डोरणो-दे० डोरड़ो।
घिरनी पर लिपटता जाता है। धागा डोरा बंध-(न०) १. मारवाड़ के बिलाड़ा लंबाई में अमुक माप का होता है। एक
नगर की आईजी द्वारा प्रवर्तित आईपंथ घिरनी से दूसरी घिरनी पर आने में का शिष्य या अनुयायी। २. पाईपंथ का लगभग तीन चार घंटे लग जाते हैं । अनुयायी। (वि०) १. विवाह-सूत्र बँधा समस्त धागा जब दूसरी घिरनी पर हुमा । २. जिसके आईपंथ का डोरा बँधा प्राजाता है तो एक डोरा समाप्त हुआ हा हो। ३. आईपंथी।
कहा जाता है। तब क्लान्त बैलों की डोरियो-(न०) १. एक धारीदार बारीक जोड़ी को छोड़ कर उसकी जगह (अन्हट
वस्त्र । २. छाया करने के लिये बाँधा चलने या मोट खींचने के लिये) दूसरी जाने वाला मोटा वस्त्र । तिरपाल । पाल । बैल-जोड़ी जोत दी जाती है। पारी । ३. जाजिम की जगह बिछाया जाने वाला बारी । डोरा । ८. सगाई करने के समय मोटा कपड़ा। ४. बैलगाड़ी में नाज भरने कन्या के पिता से निश्चित कराकर विवाह के लिये उसमें बिछाया जाने वाला एक के समय दुलहे को दिया जाने वाला धन । मोटा कपड़ा । ५. एक गहना।
६. कष्ट निवारणार्थ हाथ या गले में डोरी-(ना.) १. रस्सी। डोर । २. एक बाँधा जाने वाला अभिमंत्रित घागा। १०.
प्रकार के अश्लील लोकगीत । ३. लगाम। सगाई के समय लड़के लड़की के हाथ में ४. जमीन का एक नाप ।
बाँधा जाने वाला सूत्र । वाग्दान सूत्र । डोरी खोंचरणो-(मुहा०) १. तीर्थाटन या ११. विवाह के पूर्व वर के दाहिने पाँव में .. देवदर्शन के लिये अवसर प्राप्त होना । और कन्या के बाएँ हाय और पाँव में
२. प्रार्त की सुनवाई होना। ३. मृत्यु बाँवा जाने वाला एक विवाह सूत्र । द्वारा आर्तजन का छुटकारा होना। १२. स्त्रियों के सिर के बालों की चोटी डोरीजणो-(क्रि०) घोड़ी का गर्भ धारण __में गूयने का ऊन का काला मोटा धागा। करना।
१३. एक लोक गीत । डोरी लागणी-(मुहा०) १. ईश्वर के ध्यान डोल- (ना०) १. डोल । बालटी। २. कुएँ
में लीन होजाना। २.ध्यान मग्न होजाना। से पानी निकालने का एक बरतन । डोरो-(न०) १. पतला धागा। २. गले का डोळ-(न०) १. ढंग । तरीका । २. आकार।
एक आभूषण । ३. घी तेल आदि की घाट। ३. खाका । नमूना। ४. बाहरी पतली धार । ४. तैयार होते हुये शाक दिखावा । ढोंग । ५. अन्न को दलने में में खटाई के लिये छोड़ी जाने वाली रह जाने वाला आखा दाना। ६. खोल किंचित छाछ की धार । ५. आँख में (धानी) का बिना फूटा हुप्रा दाना। दिखाई देने वाली लाल डोर। ६. धुएँ डोळ चालणी-(ना०) दाल चालने की या गर्द की उठी हुई लंबी रेखा । ७. कुएँ चलनी । धान्य के डोळ (पाखे) दाने जुदे पर चक्र की धुरी से संलग्न घिरनियाँ जो करने की चालनी।। पानी निकालने वाली बैलों की जोड़ी डोलची-(ना०) १. छोटी डोल । २. चमड़े के चलाने से चक्र चलने के साथ चक्कर - की डोल । ३. पानी की गेहर के खेल में खाती रहती हैं। इनमें से एक पर लपेटा पानी से चोट मारने की एक विशेष प्रकार हुआ धागा चक्र के चलने के साथ दूसरी की मुटु वाली डोल ।
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