Book Title: Rajasthani Hindi Shabdakosh Part 01
Author(s): Badriprasad Sakariya, Bhupatiram Sakariya
Publisher: Panchshil Prakashan
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जीण
जियारी
(४) जियारी-दे० जीवारी।
जिंदगाणी-(ना०) जिंदगी । जीवन । जिंदजियाँ-(सर्व०ब०व०)१. जिनका । २.जिनकी। गानी । जिनगानी । ___३. जिन्होंने । जिरणां । (अव्य०) जैसे कि। जिंदगी-(ना०) १. जीवन । २. जीवन जियाँकळो-(वि०) १. जिस प्रकार का। काल । प्रायु ।।
जैसा। जड़ो। जिसो। २. उस प्रकार जिंदो-(वि०) जीवित । जीवतो। का। वैसा। अड़ो। बड़ो । विसो। जी-(प्रव्य०) १. सम्मान सूचक एक शब्द । २. जितना । जितरो जित्तो।
२. प्रादर सूचक प्रत्युत्तर का एक शब्द । जिरह-(न0) कवच । बस्तर । (ना०)
३. गुरुजनों के प्रति उच्चारण किया जाने १. ऐसी पूछताछ जो सच्ची बात का पता वाला स्वीकृति व समर्थन प्रादि का सूचक लगाने के लिये की जाय। २. प्रश्न जो शब्द । ४. पिता, पितामह, मातामह प्रतिपक्षी या उसका वकील बयान की
आदि गुरुजनों के लिये सम्मान सूचक सच्चाई जाँचने के लिये करे। ३ हुज्जत ।
शब्द । जी। जीसा । प्रापजी। ५. व्यक्ति जिराफ (न०) लंबी गरदन का एक अफ्रीकी के नाम के अंत में लगने वाला आदर पशु।
वाचक शब्द। जी। यथा-किसनजी, जिलै-(ना0) अोप । चमक । जिला। रामदेवजी, पाबूजी । (न०) १. जीव । जिलो-(न०) सूबे का वह भाग जो कलेक्टर
प्राण । २. प्रादर सूचक प्रत्युत्तर । के अधीन हो। जिला ।
३. मन । दिल । ४. पिता। जीसा । जिल्द-(ना०) १. पुस्तक की एक प्रति । प्रापजी । ५. माता।
२.पुस्तक का एक भाग। खंड । ३.पुस्तक जीकारो-(0) १. 'जी' शब्द का बोधक की रक्षा के लिये ऊपर नीचे चढ़ाई हुई ।
पद । २. किसी के नाम के अंत में लगाया दफ्ती । पूठा।
__ जाने वाला सम्मान सूचक 'जी' शब्द का जिल्दसाज-(न0) पुस्तकों की जिल्दें बांधने भाव । जैसे रामचन्द्रजी ।
वाला। जिवड़ो-(न०) जीव । जी। (वि०) १. जैसा।
जीखा-(न0) वर्षा की बारीक बूदें। (ना.)
पकाई हुई ईट को घिस कर बनाया २. जितना। जिवावरणो-दे० जिवाड़णो ।
हुमा बारीक चूर्ण या बुरादा।। जिसड़ो-दे० जिसो।
जीखेस-(न०) १. शिव वाहन । नंदी। जिसन-(न०) १. इंद्र । जिष्णु । २. अर्जुन।
२. बैल । वृषभ । जिष्णु । ३. सूर्य । ४. श्रीकृष्ण ।
जीजाजी-(न०) बड़ी बहन का पति ।
बहनोई। जिसम-(न०) शरीर । जिस्म । डोल।। जिसी-(वि०)जैसी । जैड़ी।
जीजी-(ना०) बड़ी बहिन । जिसो-(वि०) १. जैसा । जड़ो । २. समान। जी-जोड़-(प्रव्य०) जी-जान से । पूरी शक्ति जिस्यान-(क्रि०वि०) जिस प्रकार । जैसे। से। (वि०) जैसा।
जीरण-(ना०) १. एक प्रकार की विशेष जिस्यो-दे० जिसो।
बुनावट का मोटा वस्त्र । २. घोड़े की जिना-(प्रव्य०) जिस तरह। जैसे । ज्युके। काठी। पलारण । चारजामा। जीन । जिद-(न०) १. भूत । २. मुसलमान भूत । दे० जीणमाता ।
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