Book Title: Rajasthani Hindi Shabdakosh Part 01
Author(s): Badriprasad Sakariya, Bhupatiram Sakariya
Publisher: Panchshil Prakashan
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रो
भूरो- ( न०) १. किसी वस्तु के छोटे छोटे टुकड़ों की राशि । २. झाड़ आदि की पतली-सूखी टहनियों की राशि । ३.
( ४७५ )
कचरा । फूस ।
झूल - ( ना० ) १. हाथी, घोड़े आदि की पीठ पर सुंदरता के लिये डाला जाने वाला वस्त्र विशेष । २. कवच । ३. हाथी या • घोड़े का कवच । पाखर । ४. भुंड । झूळ - ( ना० ) १. भुंड । समूह । २. सेना । ३. विश्राम के समय सैनिकों के अस्त्र शस्त्रों को अपने अपने वर्ग में खड़ा करके रखने का एक ढंग । ४. काटे हुए नाज के पूलों को सुखाने के लिये पंक्तिबद्ध रखने का एक ढंग ।
भूनरणा - ( न० ) स्वनाम संज्ञक डिंगल-काव्य । जैसे -- गजसिंघजी रा भूलगा । राव श्रमसिंहजी रा भूलरणा ।
भू नरगा - इग्यारस - ( ना० ) १. भाद्रपद शुक्ल एकादशी । २. देव मंदिर से देवमूर्ति का शोभायात्रा के रूप में जलाशय पर ले जाकर स्नान कराने का इस दिन मनाया जाने वाला एक महोत्सव | भूाणी ग्यारस दे० झरणा- इग्यारस । भूरणो - ( क्रि०) १. झूले पर बैठ कर पेंगना । भूलना | २. लटकाना । ३. हिलना । ( न० ) १. भूलना नामक एक छंद । २. झुलान । हिंडोला । भू नर - ( न०) समूह । भुङ । भूलरियो ( न०) १. झुंड । २. माहेरा भरने को आने वालों का समूह । ३. माहेरा का एक लोक-गीत । भान भरने के समय गाया जाने वाला एक लोकगीत । ४. पलने में भूलन वाला बच्चा । छोटा बच्चा ।
भून रो - ( न०) १. स्त्रियों का झुंड | उत्स्वार्थ संगठित स्त्री समूह । २. झुंड | समूह | भूलाळे - (न०) हाथा | (वि०) १. भूलने
रण
वाला । २. भूलता हुआ । ३. जिसके ऊपर भूल पड़ी हो । ४. कवचधारी । भूलाळो-दे० भूलाळ | भूलो- (न०) हिंडोला । पलना ।
भूस- दे० जूसरण |
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भूसरण - दे० जूसरण | भूसरिगयो - ( वि० ) कवचधारी । (न० )
कवच ।
गो- ( न०) कुएँ पर बना हुआ वह कुंड जिसमें होकर मोट से निकला हुमा पानी बहता रहता है ।
टणो - ( न०) स्त्रियों के कानों का एक गहना । ( क्रि०) खोसना । छीनना । पड़ी - ( ना० ) छोटा झोंपड़ा । झोंपड़ी । पड़ो - ( न० ) झोंपड़ा ।
भूपी - ( ना० ) १. जागीरी समय का प्रति घर से लिया जाने वाला एक टैक्स । २. झोंपड़ी।
भूपी लाग - ( ना० ) घर या झोंपड़े पर लगने
वाला एक कर । गृह कर । हाउस टैक्स । भूपो - ( न० ) १. झोंपड़ा । २. ढेर | ३. घास
का ढेर ।
बक - ( न०) एक स्त्री प्राभूषण । भूमरो । भूवरण- ( क्रि०) १. लिपटना । गले लगना ।
२. लटकना । ३. हाथापाई करना । ४. युद्ध करना । जुरो । ५. आवेश में बोलना । वो दे० 'बो |
सर - ( न०) जुधा । जुम्राठा । जुम्राड़ो । . झेडर - ( न० ) एक लोक गीत । फेर - ( ना०) १. बैठे बैठे ली जाने वाली नींद | बैठे हुये को आने वाली नींद । २. हलकी नींद । ३. तरंग लहर । भैरगियो - (To) मंथन डंड । मथनी । रई मेरो ।
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फेररणो- (न०) दही बिलोने की छोटी मधनी । मथनी । रई । ( क्रि०) १. गिराना । २. वृक्ष की
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