Book Title: Rajasthani Hindi Shabdakosh Part 01
Author(s): Badriprasad Sakariya, Bhupatiram Sakariya
Publisher: Panchshil Prakashan
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( ४३५ )
जैवाई जंत-(न०) १. यंत्र । २. जंतु । ३. बैलगाड़ी जंत्र-मंत्र-दे० जंतर-मंतर । का एक उपकरण । ४. तंबूरा, सारंगी जंद-(न०) १. पारसियों का धर्म ग्रंथ । २.
आदि तार वाद्य । (वि०) जबरदस्त । वह भाषा जिसमें पारसियों का यह धर्म जंतर-दे० जंत्र ।
ग्रंथ लिखा हुप्रा है दे० जिद । जंतरड़ी-दे० जंतरी।
जंप-(न0) चैन । शांति । कल । निरांत । जंतरणो-(क्रि०) १. मारना । २. पीटना। जंपणो-(क्रि०) १. कहना । वर्णन करना ।
३. भूत प्रेत आदि को किसी तान्त्रिक यंत्र २. जपना। ३. शांत होना । शांतचित । द्वारा वश में करना।
होना । ४. नींद आना। जंतरबाण-(वि०) अत्यन्त दृढ़ । बहुत जंबु-(न०) १. जामुन । २. जामुन का वृक्ष ।
मजबूत । (न०) गांवई जूता। भारी जंबुक-(न०) १. सियार । गीदड । जंबुक । जूता।
२. जामुन । जंतर-मंतर-(न0) १. जादू टोना । जादू। जंबुखंड-(न०) १. पुराणानुसार सात द्वीपों
२. वेधशाला । ३. यंत्र और मंत्र । में से एक । जंबु द्वीप । २. भारतवर्ष । जंतराणो-दे० जंतरणो।
जंबुदीप-दे० जंबुखंड। जंतरावरणो-(क्रि०) दे० जंतरणो। जंबूर-(ना०) १. एक प्रकार की छोटी तोप । जंतरी-(ना०) गोपुच्छ की भांति क्रम से २. तोपगाड़ी । ३. एक औजार । पकड़ ।
छोटे होते हुए सुराखों वाली एक लोह- जंबूरा। पट्टी । (इसके उत्तरोत्तर छोटे बने हुए जंबूरी-(ना०) १. किसी वस्तु को मजबूती सुराखों में होकर सोना, चांदी ग्रादि के से पकड़ने, खींचने या मोड़ने का एक तार को निकाल कर पतला बनाया औजार । एक प्रकार की बिना चोंच जाता है तथा बढाया जाता है) जंती। वाली साँड़सी। पकड़ । २. एक शस्त्र ।
जातरी । तारकशी। २. पंचांग । पत्रा। जंबूरो-(न०) १ एक प्रोजार । जंवूरा । जंती-दे० जंतरी।
पकड़ । २. मदारी का मददगार लड़का। जंतु-(न०) १. जीव । प्राणी । २. कीड़ा। ३ ऊंट पर लादी जाने वाली एक तोप । छोटा जीव । जीवड़ो।
जंभ-(न०) १. दाढ़ । २. कटारी। जंतो-(न०) तारकशों और सुनारों का एक जंभियो-(न0)एक प्रकार की टेढ़ी कटारी ।
औजार जिस से सोना, चांदी के तार जॅवर-(न0) १. शत्रु की विजय निश्चित हो पतले किये जाते हैं। एक के बाद एक जाने पर पराजित राजपूतों की स्त्रियों क्रम से छोटे बने हुए छेदों वाली एक ___का चिता में जलजाने की मध्यकालीन लोह-पट्टी जिसके छेदों में से तार को एक प्रथा। जौहर । मंगलमृत्यु । २. खींच कर पतला और लंबा बनाया जाता शस्त्र पर दिया जाने वाला लहरदार है। जांता । जांतरो । जाँतो।
पानी । शस्त्र की रंगीन और लहरदार जंत्र-(न०) १. तांत्रिक प्राकार या कोष्ठ ।
प्राब । ३. रत्न । जवाहिर । ४. अग्नि । तांत्रिक प्राकृति । यंत्र । २. ऐसी आकृति ५. कोप । ६. तलवार ।। या प्रक्षरों वाला कागज या पतरा। जैवरी-(न०) १. रत्नों का व्यापारी । तावीज । ३. जादू । ४. तोप । ५. बंदूक। जोहरी । २. रत्न परीक्षक । ३. गुणदोष ६. बाजा । तारवाद्य । वीणा । ७. कल। पहचानने वाला। ४. गुणग्राहक । यंत्र।
जॅवाई-दे० जमाई।
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