Book Title: Rajasthani Hindi Shabdakosh Part 01
Author(s): Badriprasad Sakariya, Bhupatiram Sakariya
Publisher: Panchshil Prakashan
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जथास्थान ( ४२३ )
जनमोजनम जथास्थान-(अव्य०) ठीक स्थान पर । यथा- जनखो-(न०) हिजड़ा । जनखा । हीजड़ो। स्थान ।
जनता-(ना०) १. प्रजा । २. सर्वसाधारण जथो-(न०)१.समूह । मुड । यूथ । जत्था। लोग।
२. राशि । ढेर । ३ पक्ष । सहायकों या जननी-दे० जणणी। सवर्गों का दल । ४. साथियों या मित्रों जनपद-(न०) १. भूमि, भूमि पर बसने का दल । ५. पूजी। धन ।
वाले जन और जन की प्रादेशिक जीवन जथोचित-(अव्य०) जैसा या जितना उचित के रूप में विकसित संस्कृति-प्राचीन हो । यथोचित ।
काल के इन तीन तत्वों की एक भौगोजथ्थाबंदी-(ना०) दलबंदी।
लिक तथा राजनैतिक इकाई । गणराज्य । जथ्थाबंध-(अव्य०) १. छूटक नहीं किंतु २. बस्ती । आबादी। बड़ी राशि के रूप में। (न०) १. बड़ा जनम-(न०)१. जन्म । उत्पत्ति। २.जीवन । जत्था । बड़ी राशि । २. क्रय-विक्रय की जिंदगी । थोक वस्तु ।
जनम पाठम-(ना०) जन्माष्टमी । भादों जथ्थो -दे० जथो।
___ कृ० ८ । श्रीकृष्ण जन्माष्टमी। जद-(क्रि०वि०) जिस समय । जब । जरा। जनम कुडळी-(ना०) जन्म समय के ग्रहजरे।
योगों की काल गणना के अनुसार बनाया जदन-(अव्य०) उस दिन ।
जाने वाला बारह राशियों का कोठा । जदपि-(प्रव्य) यदि ऐसा है ही। यद्यपि। दे० जन्म कुंडली। अगरचे।
जनम गाँठ-(ना०) १. साल गिरह । वर्ष जदि-(प्रव्य०) जो । यदि । अगर । गाँठ। जन्म दिन । २. जन्म दिन का जदी-दे० जद ।
उत्सव । वरस गांठ। जदुकुळ-(न०) यदुकुल । यदुवंश । जनम घूटी-(ना०) जन्मघुट्टी। जदुनंदरण-(न०) यदुनंदन । श्रीकृष्ण । जनमरणो--(क्रि०) जन्म लेना। जदुराज-(न०) यदुराज । श्रीकृष्ण । जनम दिन-(न0) जन्म तिथि । जन्म दिन । जदुवंसी-(न०) यदुवंशी। .
बरस गाँठ। जदूरणो-(वि0) उस समय का। जब का। जनमपत्री-दे० जन्म पत्री।
(क्रि० वि०) उस समय से। तब से। जनम भोम-(ना०) १. जन्मभूमि । २. (स्त्री० जदूणी)
मातृभूमि । मातनोम । जदे-दे० जद ।
जनम-मरण-(न०) जन्मना और मरना जन-(न०) एक वचन समास रूप में प्रयुक्त, जन्म-मरण ।
जैसे-वैष्णवजन । प्रजाजन इत्यादि। जनम हारणो-(मुहा०) जन्म को व्यर्थ दे० जण (न०)।
खोना । जीवन व्यर्थ गंवाना। जनक-(न०) १. भगवान राम के ससुर जनमाठम-दे० जनम आठम । विदेह जनक । भगवती सीता के पिता। जनमारो-दे० जमारो।
मिथिलापुरी के महाराज जनक । २.पिता। जनमांतर-(न०) जन्मान्तर । दूसरा जन्म। जनकजा-(ना०) पीता । जानकी। जनमोजनम-(अव्य०) जन्म-जन्म में । जनकपुरी-(ना.) महाराज जनक की नगरी। २. प्रति जन्म।
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