Book Title: Rajasthani Hindi Shabdakosh Part 01
Author(s): Badriprasad Sakariya, Bhupatiram Sakariya
Publisher: Panchshil Prakashan
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चिपटणो ( ३७६ )
चिळक चिपटणो-दे० चिपकणो।
चिरत-(न०) पाखंड । ढोंग । चरित । चिपटी-(वि०) चपटी । दबी हुई । (ना.) ढूग।
१. चुटकी । २. चंगुल । दे० चिबटी। चिरताळी-(वि०) १. धूर्ता। ठगिनी । २. चिपटो-(वि०) जिसकी सतह उभरी हुई न पाखंड करने वाली । चरित करने वाली। हो। चिपटा ।
दुराचारिणी । व्यभिचारिणी। चिपड़ी-(ना०) शुद्ध की हुई लाख की चिरताळो-(वि०) १. अनेक प्रकार के चिपटी टिकिया या परत ।
चरित करने वाला । दूंगी । २. कपटी । चिपड़ो-दे० चपड़ो।
छली । ३. पाखंडी। धूर्त । ठग । चिपणो-(क्रि०) चिपकना।
चिरनिद्रा-(ना०) मृत्यु । मौत । चिबटी-(ना०) १. मध्यम अंगुली और चिरमटी-दे० चिरमी।
अंगूठे को चटकाने से उत्पन्न शब्द । २. चिरमी-(ना०) गुजा । घुघची । चिरमी । पांचों अंगुलियों के अगले पोरों को मिलाने चिरमेही-(न०) गदहा । गधो। से बनने वाला संपुट । पाँचों अंगुलियों चिरळी-(ना०)चिल्लाहट । चीख। चीत्कार। को इक्कठा करने में जितना समा सके चिर शांति-(ना०) १. मृत्यु । २. मोक्ष । वह माप । चुटकी । चुंगल । ३. पाँचों चिर समाधि--(ना०) मृत्यु । मौत । मिरतू । अंगुलियों को इक्कठा करने से बनने वाला चिरंजी-(वि०) चिरंजीव । चिरायु । संपुट । चुटकी। ४. इस सम्पुट में समा
दीर्घायु । (न०) आशीर्वाद का शब्द । सकने वाला पदार्थ।
(अव्य०) चिरजीव रहो । दीर्घायु हो। चिमगादड़-दे० चमगादड़।
चिरंजीव-दे० चिरंजी। चिमटी-(ना०) १. किसी वस्तु आदि को चिराक-(न०) चिराग । दीपक । दोवो ।
पकड़ने का दो अंगुलियों का एक संपुट । चिराग-दे० चिराक । २. छोटी वस्तु को पकड़ने के लिये चिमटे
चिराड़-(ना०) १. दरार । शिगाफ । २. के जैसा एक छोटा औजार । चिमोटी
चीरो । ३. चिल्लाहट । चिमतड़ी। सवाणी।
चिराडो-(न०) १. शिगाफ । बड़ी दरार । चिमटो-(न०) चिमटा । चीपियो।
२. चीरो। ३. चिल्लाहट । चिमनी-(ना०) १. मिट्टी के तेल से जलने चिरायतो-(न0) एक कड़वी वानस्पतिक वाला कुप्पी जैसा एक दीपक । २. कार
औषधि । खानों का वह लंबा भूगल जिसमें होकर
चिरायु-(वि०) बड़ी उमर वाला। (ना०) धुआं निकलता है । ३. रसोई घर की
बड़ी आयु । छत पर बना धुआँकश।
चिराळ-दे० चिराड़। चिमंतर-(वि०)सत्तर और चार । चौहत्तर ।
चिरावणो-(क्रि०) १. चिरवाना । चीरने (न०) चौहत्तर की संख्या । ७४ चिरकुटो-दे० चीथगे।
का काम करवाना। २. हाथीदांत, नरेली चिरजीवी-दे० चिरंजीवी।
___आदि की चूड़ी खराद पर उतरवाना। चिरड़ियो-(वि०) चिड़चिड़े स्वभाव वाला।
चिरूं-(वि०) 'चिरंजीव' का संक्षिप्त । चिरणाट-(न०) नाश ।
चिरूंजी-(ना०) एक मेवा । चिरौंजी । चिरणाटियो-दे० चिरणाट । चिळक-दे० चिळको।
पर
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